कोरोना काल के पूर्व से कड़ी है रामगढ़ व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था
संवाद सहयोगी रामगढ़ दिल्ली में कोर्ट रूम में शुक्रवार को जज के सामने गैंगस्टर की हत्या के बाद सुरक्षा कडी कर दी गई है।

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : दिल्ली में कोर्ट रूम में शुक्रवार को जज के सामने गैंगस्टर की हत्या के बाद से रामगढ़ जिले में स्थित व्यवहार न्यायालय में अदालतों में सुरक्षा को लेकर मंथन शुरू हो गया है। वैसे रामगढ़ व्यवहार न्यायालय में कोराना काल के पूर्व से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसे अन्य पुराने न्यायालयों की तुलना में सुरक्षित माना जाता है। कोयलांचल क्षेत्र होने के साथ-साथ इस न्यायालय में विभिन्न आपराधिक गिरोह के लोगों की पेशी होती है। इस लिहाज से भी समय-समय पर व्यवहार न्यायालय में सुरक्षा की समीक्षा होती है। शुक्रवार को दिल्ली कोर्ट रूम में हत्या की घटना के बाद से न्यायाधीश सहित पुलिस अधिकारियों को सजग कर दिया है। हजारीबाग न्यायालय में जून 2015 में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों को ए के 47 की गोलियों से मौत के घाट उतारने की घटना के बाद से व्यवहार न्यायालय में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वैसे तो व्यवहार न्यायालय में दो प्रवेश द्वार हैं। लेकिन पहले प्रवेश द्वार का इस्तेमाल न्यायाधीश सहित अधिवक्ता करते हैं। इसी द्वार से कैदियों सहित मुवक्लिों की भी आवाजाही होती है। प्रवेश द्वार के बगल में ही एक छोटा गेट लगा है। इसमें सुरक्षा के ²ष्टिकोण से मेटल डिटेक्टर लगवाया गया है। बाहर से अंदर प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं सहित मुवक्किलों का प्रवेश होता है। प्रवेश द्वार पर जिला पुलिस बल के तीन चार जवान तैनात रहते हैं। वर्तमान में कोविड नियमों के तहत 50 प्रतिशत फिजिकल सुनवाई कोर्ट में हो रही है तो 50 प्रतिशत वर्चुअल। फिजिकल सुनवाई के दौरान भी अधिवक्ताओं के साथ संबंधित पक्ष के एक या दो लोगों को ही न्यायालय में जाने की इजाजत होती है। लगभग सभी न्यायालय में न्यायाधीशों के अंगरक्षक गेट पर ही तैनात होते हैं। इसके अलावा न्यायालय भवन में भी सशस्त्र बल के जवान दिखाई पड़ते हैं।
Edited By Jagran