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स्टांप की कालाबाजारी करा रहे जिले में वेंडर

रामगढ़ जिले में धड़ल्ले से स्टांप की कालाबाजारी चल रही है। सब कुछ जिला प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा है। लेकिन इस ओर कोई देखने वाला नहीं है। चूंकि जिले में स्टांप आदि हजारीबाग कोषागार से आवंटित होता है। इस लिहाज से स्टांप वेंडर भी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। हालात यह है कि जिले में पांच दस रुपये के स्टांप का कृत्रिम अभाव दिखाया जा रहा है। इसके इतर पांच रुपये का स्टांप सौ रुपये व दस रुपये का स्टांप डेढ़ सौ रुपये से दो सौ रुपये में बेचा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:01 PM (IST)
स्टांप की कालाबाजारी करा रहे जिले में वेंडर
स्टांप की कालाबाजारी करा रहे जिले में वेंडर

देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़ : जिले में धड़ल्ले से स्टांप की कालाबाजारी चल रही है। सब कुछ जिला प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा है लेकिन इस ओर कोई देखने वाला नहीं है। चूंकि जिले में स्टांप आदि हजारीबाग कोषागार से आवंटित होता है। इस लिहाज से स्टांप वेंडर भी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। हालात यह है कि जिले में पांच, दस रुपये के स्टांप का कृत्रिम अभाव दिखाया जा रहा है। इसके इतर पांच रुपये का स्टांप सौ रुपये व दस रुपये का स्टांप डेढ़ सौ रुपये से दो सौ रुपये में बेचा जा रहा है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि जिला बने करीब ग्यारह वर्ष होने को हैं इसके बावजूद स्टांप को लेकर जिले की निर्भरता हजारीबाग कोषागार पर ही है। जबकि जिले में कोषागार बेहतर तरीके से समाहरणालय परिसर में ही संचालित हो रहा है।

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यही नहीं जानकार बताते हैं कि अगर वेंडरों को मुंह मांगी कीमत दी जाए तो वे पुराने स्टांप भी तत्काल उपलब्ध करा देते हैं। कई वेंडर एक ही आदमी के नाम पर 20-25 स्टांप रजिस्ट्रर में इंट्री करके रखते हैं। वैसे तो स्थानीय पंजाब नेशनल बैंक व बैंक आफ बड़ौदा से भी दस, 20 व 50 रुपये का स्टांप उपलब्ध होता है लेकिन वहां की जटिल प्रक्रिया लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हैं। पांच रुपये के स्टांप के लिए या तो उन्हें पूरे दिन लाइन में लगना पड़ता है। इसी बीच तकनीकी अड़चन, ¨लक नहीं होने की बात कहकर बैंक अधिकारी बाद में आने को कह देते हैं। कुछ यही स्थिति अवर निबंधन कार्यालय की भी है। यहां सुबह फार्म भरिए तो शाम में ही स्टांप पेपर उपलब्ध हो पाता है। कई बार लोगों को कार्यालय की जटिल प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है।

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जिले में स्टांप की कालाबाजारी कर रहे हैं। चूंकि हजारीबाग ट्रेजरी में भी संपर्क करने पर बताया गया कि वे लोग निर्गत स्टॉक को चेक नहीं करते हैं। इसी का फायदा उठाकर पांच, दस, 20, 50 और पांच सौ रुपये का स्टांप वे लोग मुंहमांगी कीमत पर बेचते हैं। कुछ दिन पूर्व ही हमने जांच के लिए वेंडरों को बुलवाया तो काफी चौंकाने वाली स्थिति दिखी। ये लोग एक ही व्यक्ति के नाम पर 25-30 स्टांप इंट्री करके रखे हुए थे। जितना आवंटन होता है उसे भी ये लोग सेल दिखा देते हैं। चूंकि पीएनबी, बैंक आफ बड़ौदा व सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में भी स्टांप मिलता है लेकिन लेकिन जटिल प्रक्रिया लोगों को बेहाल कर देती है।

आनंद अग्रवाल,

अध्यक्ष

जिला बार एसोसिएशन, रामगढ़

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कोट-

रामगढ़ से स्टांप आवंटित करने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। रामगढ़ में पुराने जिले हजारीबाग कोषागार से ही स्टांप मंगवाया जा रहा है। वे इस बाबत विभाग को पत्राचार करेंगी ताकि रामगढ़ जिला कोषागार से स्टांप पेपर जिले में उपलब्ध कराया जा सके।

मोनिका रानी टूटी

प्रभारी जिला कोषागार पदाधिकारी,

रामगढ़।


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