कॉलेज भूमि पर फिर पैतरा बदल कर काम कर रहे भू-माफिया
संवाद सहयोगी रामगढ़ एक बार फिर से रामगढ़ महाविद्यालय की भूमि पर भू-माफिया की टेढ़ी
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : एक बार फिर से रामगढ़ महाविद्यालय की भूमि पर भू-माफिया की टेढ़ी नजर हो गई है। इस बार भू-माफिया ने पैतरा बदलकर भूमि को कब्जाने की कोशिश शुरू कर दी है। कुछ स्थानीय लोगों को रैयत बताकर उन्हें आगे कर पीछे से सारा खेल खेल रहे है। तभी तो कॉलेज के दक्षिणी भाग में काजू बागान की जमीन पर कब्जा जमाने का सिलसिला दो-तीन दिनों से शुरू हो गया है। नित्य दिन सुबह में कॉलेज खुलने के पूर्व कुछ लोग चुप्पी साधे हुए है। क्योंकि उनकी क्या मजबूरी हैं वह अब सभी छात्र-छात्राएं समझ गए है।चुप्पी साधे हुए है। क्योंकि उनकी क्या मजबूरी हैं वह अब सभी छात्र-छात्राएं समझ गए है। काजू बागान में जंगलों को साफ-सफाई कर रहे है। मामले की जानकारी होने के बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह ने उपायुक्त को पत्र लिखकर अपनी चिता प्रकट करते हुए कहा कि काजू बागान वाली जमीन पर शंकर महतो एवं अन्य लोगों द्वारा भूमि को कब्जा करने की नीयत से झाड़ियों की सफाई सुबह में कर रहे है। यह कई दिनों से जारी है। उसके बाद कॉलेज खुलने से पूर्व ही सभी चले जाते है। इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी, रामगढ़ थाना प्रभारी, अंचल अधिकारी रामगढ़ को समय-समय पर प्रतिदिन देता गया हूं। उसके बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कहा है कि पूर्व में भी उसी जगह पर टूटी हुई चारदीवारी की जुड़ाई का काम बीते चार जुलाई 2020 को किया गया था। उसी रात को शंकर महतो एवं उनके साथ 20-25 लोगों ने चारदीवारी को ध्वस्त कर दिया। इसकी सूचना भी दी गई थी। अनुमंडल पदाधिकारी की पहल पर चारदीवारी को पूरा करने का निर्देश बीते 11 जुलाई 2020 को दिया गया था। इधर कुछ पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमित पाए जाने की वजय से थाना प्रभारी ने कार्य को किसी अन्य दिन के लिए एसडीओ से करने की बात कही। इसकी सूचना मोबाइल पर दी गई थी। बाद में निरंतन कोरोना मामले में वृद्धि को देखते हुए कार्य की स्थिति नहीं बनी। इसी बीच बीते सात सितंबर 2020 को कॉलेज प्रहरी ने सुबह में सूचित किया कि उपरोक्त लोग वहां पर झाड़ियों की सफाई कर रहे है। रोकने के लिए गया तो धमकी देने लगे। प्राचार्य ने सीधे तैार पर उपायुक्त को जानकारी दी की मामले में रामगढ़ अंचलाधिकारी की भूमिका भी संदेहास्पद दिखाई दे रही है।
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कोई अधिकारी सुनने को नहीं हैं तैयार, क्यों साधे हैं चुप्पी
प्राचार्य ने कहा कि सुबह में मोबाइल पर रामगढ़ थाना प्रभारी, अनुमंडल पदाधिकारी को सूचना देने के लिए फोन करता रहा । अधिकारी फोन रिसीव तक नहीं किया। स्थिति को देखते हुए व्हाट्सएप पर सूचित किया फिर लिखित आवेदन दिया। प्रतिदिन इसकी सूचना दी जा रही है। इसके बाद भी अवैध कब्जा करने वाले के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्राचार्य ने कॉलेज की भूमि को सुरक्षित करने की गुहार भी लगाई है।
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शिक्षकों में बढ़ रहा हैं भय, छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रही
भू-माफियाओं की ताकत और बढ़ते कदम को देखकर जब प्रशासन खामोश बैठा हैं तो शिक्षकों की क्या बिसात। शिक्षकों में काफी भय का माहौल बढ़ गया है। छात्राएं तो अपने को पूरी तरह असुरक्षित समझने लगी है। क्योंकि पूरा कैंपस ही खुला हुआ है।
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आदिवासी छात्र संग हो रहा उग्र
आदिवासी छात्र संघ जमीन मामले को लेकर उग्र हो रहा है। वहीं अन्य संगठन जो अपने को छात्रों का हमदर्द बताते हुए चुनाव जीत गए व चुप्पी साधे हुए है। क्योंकि उनकी क्या मजबूरी हैं वह अब सभी छात्र-छात्राएं समझ गए है। इसलिए इस बीड़ा को पूरा करने के लिए आदिवासी छात्र संघ अब तैयार हो रहा है। कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष सह संघ के सदस्य सुमंत महली ने कहा कि अब आदिवासी छात्र संघ ही कुछ करेगा।