बरकाकाना रेलवे साइडिग विवाद को ले गोलबंद हुए पांच गांव के लोग
संवाद सूत्र बरकाकाना(रामगढ़) बरकाकाना रेलवे साइडिग में नए कंपनी को काम मिलने से स्थानी
संवाद सूत्र, बरकाकाना(रामगढ़) : बरकाकाना रेलवे साइडिग में नए कंपनी को काम मिलने से स्थानीय ग्रामीणों के विरोध करने का सिलसिला तेज हो गया है। बुधवा को इसके विरोध में पोचरा बु•ाुर्ग जमीरा, तेलियातु छोटकाकाना, कैरा बिहार, कटेलिया बेड़ा में विस्थापितों की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि रेलवे बरकाकाना साइडिग के नौ, 10 व 11 नंबर पर वर्षों से स्पंज व कोयला लोडिग-अनलोडिग का कार्य को किया जाता था। इस पर यहां के 12 गांव का मजदूर कार्य करते थे। इसमें उनका परिवार का भरण पोषण चलता है। इस रेलवे साइडिग का कार्य किस्कू कंस्ट्रक्शन को मिलने के बाद कंपनी द्वारा स्थानीय विस्थापितों को बिना बात किए जबरन तानाशाही रवैया अपनाते हुए विस्थापितों के साथ मारपीट कर जबरन कार्य करा रहे हैं। इससे यहां के विस्थापित में काफी आक्रोश है। यहां के मजदूरों के सामने भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पिछले नौ महीने से लॉकडाउन रहने के कारण बहुत मजदूर बड़ी मुश्किल से गुजर बसर कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का रोजगार छिना जा रहा है। इसका विस्थापित मोर्चा पुरजोर तरीके से विरोध करती है। जब तक किस्कु कंट्रक्शन कंपनी के लोग विस्थापित मोर्चा से आकर वार्ता नहीं करते हैं। तब तक उनका कार्य नहीं चलने दिया जाएगा। अन्यथा सदन से सड़क तक आंदोलन करेगा। मौके पर विस्थापित मोर्चा के सैकड़ों लोग मौजूद थे। विस्थापित मोर्चा के अध्यक्ष छोटेलाल करमाली, सचिव प्रभु मुंडा, महासचिव अनिल नायक, प्रवक्ता राजेंद्र राम, उपाध्यक्ष दीपक गोप, बबलू गोप, राकेश साहू, छोटू करमाली, राहुल महतो, सहदेव महतो, सुरेंद्र महतो जनार्दन लाल, चंदन ठाकुर, पवन करमाली, रवि सिन्हा, विक्रम गोप, सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।