प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण बंद हुई गिद्दी वाशरी
संवाद सूत्र गिद्दी (रामगढ़) बिहार कोलियरी कामगार यूनियन व मार्क्सवादी समन्वय समिति ने संयुक्त रू
संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : बिहार कोलियरी कामगार यूनियन व मार्क्सवादी समन्वय समिति ने संयुक्त रूप से गुरुवार को पांच सूत्री मांगों को लेकर गिद्दी वाशरी परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश सिंह, धनेश्वर तुरी, राजेंद्र गोप, आरडी मांझी ने कहा कि एशिया की नंबर वन स्थान के रूप में जाने जानी वाली गिद्दी वाशरी प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण बंद हुई है। सीसीएल प्रबंधन वाशरी को सुरक्षा का हवाला देकर बंद की है। परंतु सीसीएल में संचालित सभी वाशरी में इसका स्ट्रक्चर काफी मजबूत है। अगर प्रबंधन को कहीं कमी लगती है तो सीएमपीडीआइ की टीम ने इसे मरम्मत करा कर चलाने की बात कही थी। प्रबंधन वाशरी को मरम्मत कराकर व गुणवत्तायुक्त कोयला आपूर्ति कराती है तो आज भी गिद्दी वाशरी को लाभ में लाया जा सकता है। बशर्ते प्रबंधन की सोच सकारात्मक सोच होनी चाहिए। प्रबंधन द्वारा वाशरी को बंद करने से जहां गिद्दी वाशरी रोड सेल में संचालित 516 दंगल के हजारों मजदूरों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने सीसीएल प्रबंधन से वाशरी को मरम्मत कराकर चालू करने व रोड सेल का सीटीओ मंगाकर सेल चालू कराने की मांग की। अन्यथा मजदूर हित को ध्यान में रखकर तीखा आंदोलन करेगी। इनके अलावे कुवरलाल विश्वकर्मा, धनु महतो, कैलाश महतो, लोदो मुंडा, रामु सिंह, शंभु कुमार, प्रदीप रवानी, शईद अंसारी, गौत्तम बनर्जी, कार्तिक मांझी ने सीसीएल प्रबंधन से अपने फैसले को वापस लेकर गिद्दी वाशरी व रोड सेल चालू करने की मांग की। इसके पश्चात एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रबंधन को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा। इसमें गिद्दी वाशरी को मरम्मत कराकर यथाशीर्ध संपूर्ण रूप् से चालू करने, गिद्दी वाशरी को पुराना स्टाक का ऑफर भेजकर डीओ मंगाकर रोड सेल के माध्यम से उठाव करने, गिद्दी वाशरी रोड सेल को अविलंब चालू करके स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करने, 23 मई 96 में हुए त्रिपक्षीय समझौता को लागु करके गिद्दी कोलियरी रोड सेल चालू कर वैकल्पिक रोजगार मुहैया करने, गिद्दी वाशरी का सीटीओ मंगाकर वाशरी रोड सेल चालू करना शामिल है। धरना की अध्यक्षता मासस प्रखंड अध्यक्ष सुंदरलाल बेदिया ने किया। मौके पर आशाराम बेदिया, नागेश्वर साव, रामफल महतो, राथो महतो, बाबूलाल मांझी, मंगरू महतो, खेमनाथ महतो, उमेश बेदिया, कमरूद्दीन अंसारी, तुलसी दास, गुरुदयाल महतो, अमीन अंसारी, बालक महतो, साधु सिंह, जतरू तुरी, बेनी बेसरा, इनाम, अरविद बास्के, प्रमोद सोरेन, तालो हेम्ब्रम, तापसचंद्र, विजय गंझू, बंसत राम, धनेश्वर गंझू, देवकी, विजय, मोहन, भगवान, छोटेलाल, चंद्रदेव आदि उपस्थित थे।