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पांच साल में एक लाख पौधे बांट चुके हैं शिक्षक उपेंद्र

पांच साल में एक लाख पौधे वितरण कर चुके हैं शिक्षक उपेंद्र पांडेय तरुण बागी रामगढ़ शहर का एक शिक्षक दंपती शहर सहित पूरे जिले को हरा-भरा रखने

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:15 PM (IST)
पांच साल में एक लाख पौधे बांट चुके हैं शिक्षक उपेंद्र

तरुण बागी, रामगढ़ : शहर का एक शिक्षक दंपती शहर सहित पूरे जिले को हरा-भरा रखने के लिए प्रकृति की लड़ाई

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में पर्यावरण बचाने का संकल्प ले रखा है। अपने घर के आंगन, गली, छत यानी हर कोने में पॉलीबैग में 10 हजार से अधिक पेड़ पौधे लगा रखे हैं। युवा शिक्षक दंपती उपेंद्र पांडेय व सोना पांडेय रामगढ़ में पॉलिथीन में पौधे उगा कर आवासीय परिसर में प्लास्टिक की थैली में हजारों पौधे लगा कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दे रहे हैं। प्लास्टिक में तुलसी,आंवला, गिलोय, बेल, पान, समी, मीठा नीम, मनीप्लांट, एरिका पम व पुदीना के पौधे लगे हैं। इन पेड़- पौधों के

कोल्डड्रिक्स के खाली प्लास्टिक के बोतलों सहित सात-आठ खाली पॉलिथीन देने के बदले पॉलिथीन में लगे एक पौधा देकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने का भी लगातार संदेश दे रहे हैं। शिक्षक दंपति ने घर में जमा किए गए आटा, रिफाइन, सरसो तेल, दुध व अन्य खाद्य सामाग्री के पॉलिथीन में हजारों विभिन्न तरह के पौधे तैयार कर चुके हैं। कोल्ड ड्रिक्स के खाली बोतलों से उनके यहां अब खूबसूरत तरीके से गुलदस्ता का भी निर्माण कर रहे हैं। प्रतिदिन प्लास्टिक में लगे पौधों को बांटने का सिलसिला अनवरत चल रहा है। इनके प्लास्टिक गार्डेन में सेना अधिकारी, जवान से लेकर हर वर्ग के लोग पॉलीथिन दान करने व पौधे लेने के लिए आते हैं।

प्लास्टिक मुक्त तथा हरा-भरा रामगढ़ शहर की पहचान बनाने के लिए एक समर्पित दंपति उपेंद्र पांडेय व सोना पांडेय ने इसे अपने जीवन का अंतिम उद्देश्य बना लिया है। युवा शिक्षक उपेंद्र पांडेय ने बताया कि पॉलिथीन दान अभियान एक छोटा सा सपना उसने 2014 में देखा था। आज उसके तहत हम कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के दौरान भी इस अभियान के प्रति अपने कार्य को कायम रखे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए वेस्ट(कचरा) से बेस्ट बनाने की कोशिश की। एक छोटी सी कल्पना के तहत हमने घर में एक गार्डन फाउंटेन एवं कुर्सी और टूल का निर्माण किया है जो की पूरी तरीके से घर के वेस्ट(कचरा) से बना है। उन्होंने बताया कि हमारे सभी के घर में अक्सर कोई भी चीज जब खराब होती है तो हम उसे तुरंत रिप्लेस करने के बारे में सोचते हैं और उस चीज को जिस चीज का रिप्लाई करते हैं। उसे हम बाहर ले जाकर कचरे में डाल देते हैं। बिना यह सोचे कि वह हमारे प्रकृति में किस तरह से उसका असर पड़ेगा। लेकिन अगर हम उन चीजों को फेंकने की बजाए उससे एक नई चीज का सृजन कर पाएं। इसका प्रयास हमने किया है तो यह एक बहुत ही लाभदायक होगा। हमारे लिए हमारी प्रकृति के लिए आने वाले भविष्य के लिए एवं चीजों की बर्बादी भी नहीं होगी। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर यह अभियान जारी रहेगा। विश्व पर्यावरण दिवस पर पॉलिथीन दान अभियान की ओर से लोगों को जागरूक करने का कार्यक्रम किया जाएगा। भविष्य में हमने कल्पना की है पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक मुक्त रामगढ़ बनाने के लिए अपने घर की तरह शहर के हर घरों को हरा-भरा करेंगे।


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