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प्रबंधन की गलत नीतियों से गिद्दी वाशरी बदहाल

संवाद सूत्र गिद्दी (रामगढ़) बिहार कोलियरी कामगार यूनियन गिद्दी वाशरी ने छह सूत्री मांगों।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 07:10 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:08 AM (IST)
प्रबंधन की गलत नीतियों से गिद्दी वाशरी बदहाल
प्रबंधन की गलत नीतियों से गिद्दी वाशरी बदहाल

संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : बिहार कोलियरी कामगार यूनियन गिद्दी वाशरी ने छह सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को वाशरी में एकदिवसीय धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश सिंह, अरगडा एरिया अध्यक्ष धनेश्वर तुरी व अरगडा एरिया सचिव गौतम बनर्जी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण गिद्दी वाशरी अपनी बदहाली का रोना रो रही है। गिद्दी वाशरी पूर्व में कोकिग कोल हुआ करती थी। उस वक्त चार तरह के कोल मिडलिग, रिजेक्ट, स्लेरी व वाश कोल निकलता था। वर्ष 1998 में केंद्र में काबिज भाजपा की सरकार ने पावर प्लांट को नन काकिग वाश कोल देने के लिए गिद्दी वाशरी को नन-कोकिग कोल कर दिया। उस वक्त भी बीसीकेयू ने वाशरी के नन-कोकिग कोल करने का विरोध किया था और तत्कालिन केंद्रीय मंत्री सह हजारीबाग सांसद यशवंत सिन्हा से मिलकर वाशरी को कोकिग कोल ही रहने देने के लिए पहल करने की मांग की थी। परंतु कोई पहल नहीं हुई और वाशरी नन-कोकिग कोल हो गई। इसके बाद से सीसीएल प्रबंधन ने वाशरी को कभी भी गुणवत्ता युक्त व पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं दे पाई। परिणाम स्वरूप वाशरी लगातार घाटा में चलती गई। हालात यह हुई कि सीसीएल प्रबंधन ने वाशरी को जीर्णोद्धार के नाम पर बीते 6 सितंबर 2019 से वाशरी को बंद कर रखा है। अब सीसीएल के सीएमडी वाशरी को बंद करने की बात कह रहे है। जबकि गिद्दी वाशरी को अब चलाना और आसान होगा। इससे जहां सैकड़ों 50 वर्ष के कर्मियों के समक्ष स्थानांतरण का डर सता रहा है। वहीं गिद्दी वाशरी में संचालित रोड सेल में कार्यरत 514 दंगल के हजारों मजदूरों भी बेराजगार हो जाएंगे। बीसीकेयू वाशरी के जीर्णोद्धार के लिए करीब 7 करोड़ की गई स्टीमेट का पास कर वाशरी को मरम्मत करा चालू कराने व रोड सेल का सीटीओ क्लीयरेंस कर चालू कराने समेत केंद्र व कोल इंडिया द्वारा किसानों की जमीन लेकर नौकरी नहीं देने के फैसले के विरोध में आंदोलन की विगुल फूंक दिया है। सभा को शंभु कुमार, आरडी मांझी, धनु महतो, प्रदीप रवानी आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता कुंवरलाल विश्वकर्मा ने की। मौके पर अमृत राणा, खेमनाथ महतो, नागेश्वर साव, कैलाश महतो, धनंजय सिंह, दिलीप बास्के, जतरू तुरी, बरिया देवी, राजेश गुप्ता, अनिता देवी, तरसीला देवी, जमुना बेदिया, मो. एनाम दसई बास्के, बलकु बेदिया, आशाराम बेदिया, मगन मांझी, देवकी देवी, शीला देवी, रंजोती देवी, बसंत राम, रामु मुंडा, सोहराई मांझी, अनिल सिंह, धनेश्वर मांझी, रतनलाल मांझी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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