कोरोना के कारण अनाथ हो चुके बच्चों की सुध लेगा जिला प्रशासन
तरुण बागी रामगढ़ कोरोना के क्रूर पंजों के कारण अनाथ हो चुके बच्चों के जिला प्रशासन क
तरुण बागी, रामगढ़ : कोरोना के क्रूर पंजों के कारण अनाथ हो चुके बच्चों के जिला प्रशासन की सुध लेगा। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है, या फिर माता-पिता दोनों कोरोना से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती हैं। इसके बाद अब उनके बच्चों को देखने वाला कोई नहीं है। वैसे बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन व सीडब्लूसी की ओर से देखभाल की जाएगी। रामगढ़ उपायुक्त की पहल पर चाइल्ड लाइन व बाल संरक्षण समिति द्वारा अनाथ एवं अन्य लावारिस बच्चों को संरक्षित करने के लिए नंबर जारी किया गया है। कोरोना काल के दौरान जिला प्रशासन रामगढ़ की नई पहल से अनाथ हुए बच्चों की संरक्षण की आस जगी है। उपायुक्त संदीप सिंह ने ट्वीट कर आम लोगों को कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के बारे में जानकारी देने की अपील की गई है। उपायुक्त ने कहा है रामगढ़ जिले में कोविड-19 के संक्रमण से जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों में से किसी एक की भी मृत्यु हो चुकी है या ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित हैं और होम आइसोलेशन अथवा हास्पिटल में इलाजरत हैं और बच्चों का देखभाल करने वाला कोई नहीं है, तो इसकी सूचना लिखित, मोबाइल व वाट्सएप के माध्यम से जिला में जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन एवं बाल कल्याण समिति रामगढ़ को दे सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181, वाट्सएप नंबर 83404 58591, या 9471130844 पर संपर्क कर सकते हैं। वात्सल्य धाम बालगृह व डिवाइन ओंकार मिशन में की गई है व्यवस्था :
उपायुक्त के आदेश के बाद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मुन्ना कुमार पांडेय व सदस्य आकाश शर्मा ने नईसराय स्थित वात्सल्य धाम व डिवाइन ओंकार मिशन के अधीक्षक को पत्र लिखकर कोरोना से अनाथ हुए या कोरोना पीड़ित परिवार के बच्चों की देखभाल के लिए एक-एक कमरा शौचालय सहित व्यवस्थित करने का आदेश दिया है। आदेश मिलते ही दोनों स्थानों में एक-एक कमरे की व्यवस्था बहाल कर दी गई है। बाल कल्याण समिति के सदस्य आकाश शर्मा ने कहा कि अभी तक रामगढ़ जिले के अंदर इस तरह के बच्चे नहीं मिले हैं। शहर के गोलपार में जानकारी मिली कि दो बच्चों के माता-पिता दोनों कोरोना संक्रमित हैं। अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने गोलपार जाकर जानकारी ली। पड़ोसियों ने कहा कि बच्चे घर पर रहेंगे। हमलोग देख-भाल करेंगे। इसके बाद भी संस्था की ओर से बच्चों को होटल से खाना मंगाकर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चे मिलेंगे तो बाल कल्याण समिति की ओर से खाने-पीने, रहने से लेकर हर सुविधाएं प्रदान की जाएगी। ऐसे बच्चे सरकार के संरक्षण में ही रहेंगे।