श्री अग्रसेन स्कूल में मां की ममता को बच्चों ने भावनाओं में पिरोया
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) मां का जीवन त्याग प्रेम व समर्पण से भरा होता है। एक मां अपन
संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : मां का जीवन त्याग, प्रेम व समर्पण से भरा होता है। एक मां अपने बच्चों से बिना शर्त के प्यार करती है। मां के त्याग व बलिदान को याद करने के लिए श्री अग्रसेन स्कूल, भुरकुंडा द्वारा शनिवार को ऑनलाइन मदर्स डे सेलिब्रेट किया गया। इसमें प्यार, दुलार व शरारतों के बीच मां-बच्चों के रिश्तों को समझने का अवसर दिया। इस ऑनलाइन आयोजन का मुख्य थीम था मां एवं बच्चों को कोराना से बचायें, साथ ही सेल्फी विथ मदर। जिसमे बच्चों ने मां के प्रति समर्पण व प्रेम का इजहार करते हुए अपनी तस्वीरें साझा की। इसके अलावा पेंटिग, कविता के जरिये भी बच्चों ने अपने भाव व्यक्त किये। माताओं में भी मदर्स डे को लेकर खासा उत्साह रहा। इस अवसर पर वेबिनार का भी आयोजन किया गया। वेबिनार के जरिये बच्चों को अपनी मां को रोजमर्रा के कार्यों में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य था कि बच्चे अपनी मां के प्यार-दुलार को समझते हुए उसे अपनी भावनाओं के माध्यम से प्रदर्शित कर सकें। वेबिनार में स्कूल के निदेशक प्रवीण राजगढि़या ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान में सारे स्कूल बंद हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। बच्चों का सारा समय घर पर बीत रहा है। ऐसे में बच्चों के प्रति मां की जिम्मेवारियां और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मां त्याग, प्रेम, दया व स्नेह की मूर्ति होती है। जिसकी छाया में मनुष्य ही नहीं देवता भी स्वयं को आनंदित अनुभव करते हैं। दुनिया में बस एक मां ही होती है, जो बच्चे की मूक भाषा को भी समझ लेती है। इससे पूर्व ऑनलाइन कक्षाओं में सभी शिक्षकों ने कविता व कहानी सुनाकर मां के प्यार व महत्व का उल्लेख किया।
मां की ममता को शब्दों में पिरोया
ऑनलाइन वेबिनार में कई बच्चों ने मां की ममता को शब्दों में पिरोकर सामने रखा, तो कई बच्चों ने मां से मिली सीख को साझा किया। कई बच्चों ने वेबिनार के दौरान अपनी मां के लिए बनाये गए हैंडमेड गिफ्ट व पेंटिग भी दिखाई। मां को समर्पित कविता मां तेरे कदमों में है दुनिया की प्रस्तुति कर पूरे माहौल को भावुक कर दिया। मिष्टी कुमारी ने लबों पे उसकी कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती प्रस्तुत कर मां के समर्पण को प्रदर्शित किया।
मां और बच्चे कोरोना से बचें: नीलकमल सिन्हा
प्राचार्य नीलकमल सिन्हा ने कहा कि हर वर्ष मदर्स डे किसी न किसी थीम पर आधारित होता है। इस वर्ष मां व बच्चों को कोरोना से बचाने का संदेश इसमें निहित है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ आज के ही दिन नहीं, बल्कि हर रोज अपनी मां का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिसने हमें हमारा अस्तित्व प्रदान किया। बच्चों का भविष्य निर्धारण करने में मां की भूमिका सर्वाधिक होती है। कोरोना महामारी के दौर में मां और बच्चे दोनों को स्वस्थ एवं सुरक्षित रहने की जरूरत है।