Move to Jagran APP

कोरोना का खौफ रिश्तों को भी बना दिया है बेगाना

राकेश पांडेय भुरकुंडा (रामगढ़) कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 07:06 PM (IST)
कोरोना का खौफ रिश्तों को भी बना दिया है बेगाना
कोरोना का खौफ रिश्तों को भी बना दिया है बेगाना

राकेश पांडेय, भुरकुंडा (रामगढ़) : कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा है। इस वायरस के खौफ से लोग मौत के साये में जीने को मजबुर हैं। बीमारी और मौत का डर तो है ही सबसे बड़ी बिडंबना की कोरोना ने रिश्तों को भी बेगाना बना दिया है। लोग एक-दूसरे से दूरी बनाने को मजबुर हो गए हैं। भारत में इस वर्ष इस बीमारी ने तेजी से कहर ढाया है। इस वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा लाखों लोगों को असमय मौत के काल में धकेल चुकी है। कोरोना के खौफ का आलम यह है कि यह जीते जी ही नहीं मरने के बाद भी इसकी साया डरा रही है। मतलब साफ है कि कोरोना की यह बीमारी रिश्तों व दिलों की भी दूरी बढ़ा दी है। लगन का मौसम है। प्रतिदिन शादी-विवाह हो रही है, लेकिन इन शादियों में सगे-संबंधी तो दूर दोस्त मित्र भी सरीख होने से कतरा रहे हैं। यहां तक की कोरोना से जो मौत हो रही है। उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लोग ढूंढे भी नहीं मिल रहे हैं। श्मशान घाटन दूर होने के कारण शव को कंधे पर ले जाने के बजाय परिजन गाड़ी में ले जाने को मजबुर हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना का मरीज फलां के घर में है इसकी जानकारी मिलते ही रिश्तेदार तो दूर पड़ोसी भी कन्नी काटने लगे हैं। इस दुख की घड़ी में आर्थिक मदद मिल भी जाए लेकिन तन से कोई मदद को आगे नहीं आ पा रहा है। कारण सबको अपनी-अपनी जान की फीक्र है। शादी व पार्टी के स्टीमेट से एक चौथाई भी लोग शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जिसके कारण कई किस्म की आर्थिक नुकसान भी पहुंच रही है।

loksabha election banner

बारात में बाराती से ज्यादा बैंडबाजा वाले :

कोरोना के कारण अधिकांश बारातों में दुल्हे के अलावा मात्र घर के ही लोग 8-10 की संख्या में शामिल हो रहे हैं। देखा जा रहा है कि बाराती से ज्यादा संख्या बैंडबाजों वालों की हो रही है। इस बीमारी ने शादी-विवाह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यवसायियों की भी कमर तोड़ दी है। क्षेत्र के टेंट हाउस, लाइट हाउस, मोटर-गाड़ी, सजावट, कैटर आदि का व्यवसाय एक फीका पड़ गया है। ऐसे व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि यही हाल रहा तो भोजन के लाले पड़ जायेंगे। झोला छाप डाक्टरों की हो गई है चांदी :

कोरोना की महामारी से झोला छाप डाक्टरों की चांदी हो गई है। कोयलांचल के दर्जनों झोला छाप डाक्टरों द्वारा चलाए जा रहे क्लीनिकों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। हालांकि मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी, बुखार, खांसी क्षेत्र में आम हो गई है। लोग कोरोना से भी भयभीत हैं। उन्हें लग रहा है कि कहीं कोरोना तो नहीं हो गया। इसी कारण जहां भी कोई किस्म का डॉक्टर मिला उससे दिखाने व दवा लेने के लिए लोगों की लंबी लाइन देखी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.