राजनीति में न तो कोई स्थायी दुश्मन और न ही दोस्त
राजनीति कब किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता। यहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। यह नजारा गुरुवार की शाम शहर में देखने को मिला और इसका गवाह बना पूर्व विधायक शंकर चौधरी का आवास। भले ही सूबे में भाजपा व आजसू का गठबंधन टूट गया है। लेकिन गुरुवार को रामगढ़ में भाजपा नेता व आजसू पार्टी के नेताओं का गठजोड़ रामगढ़ में देखने को मिला।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : राजनीति कब किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता। यहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। यह नजारा गुरुवार की शाम शहर में देखने को मिला और इसका गवाह बना पूर्व विधायक शंकर चौधरी का आवास। भले ही सूबे में भाजपा व आजसू का गठबंधन टूट गया है। लेकिन गुरुवार को रामगढ़ में भाजपा नेता व आजसू पार्टी के नेताओं का गठजोड़ रामगढ़ में देखने को मिला। गुरुवार देर शाम वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विधायक शंकर चौधरी के गोला रोड स्थित आवास पर सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वर्तमान सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी मिलने पहुंचे। अचानक अपने आवास पर पहुंचे सांसद चंद्रप्रकाश का पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान कई भाजपाइयों सहित भारी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे। भाजपा के धुरंधर नेता व वर्ष 1995 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते शंकर चौधरी व सांसद चंद्रप्रकाश का गठबंधन क्या रंग लाएगा, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन राजनीतिक हलकों में अचानक से इस घटनाक्रम की चर्चा तेज हो गई। वैसे भी अपने तेवर से बागी के रूप में पहचान बनाने वाले पूर्व विधायक शंकर ने भाजपा में रहते हुए आजसू नेता के स्वागत के साथ देर शाम खुलकर अपने गठबंधन का एलान कर दिया। इससे पूर्व सांसद चंद्रप्रकाश ने रामगढ़ विधानसभा की आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी के शुक्रवार को निर्धारित नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने की अपील उनसे की। इसे पूर्व विधायक शंकर ने सहर्ष स्वीकार किया। पूछने पर बेबाक कहा कि वे अपनी बहू समान आजसू प्रत्याशी के समर्थन में नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले पंद्रह वर्षाें तक लगातार आजसू से गठबंधन किया। अब मैंने भाजपा में रहते हुए आजसू के साथ गठबंधन किया है। पूर्व विधायक के आवास पर उनके साथ वरिष्ठ भाजपा नेता बलराम प्रसाद कुशवाहा, पूर्व वार्ड सदस्य सूरज प्रसाद सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।