मांगें पूरी नहीं होने तक बंद रहेगा रेलवे साइडिग का काम
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) सात सूत्री मांगों को ले खतियानी रैयत परिवार द्वारा उरीमारी
संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : सात सूत्री मांगों को ले खतियानी रैयत परिवार द्वारा उरीमारी में निर्माणाधीन रेलवे साइडिग का कार्य तीसरे दिन मंगलवार को भी ठप रहा। वहीं खतियनी रैयत परिवार ने उरीमारी हेसाबेड़ा दुर्गा मंडप परिसर में बैठक आयोजित कर आगे रणनीति बनाई। बैठक में उरीमारी, पोटंगा व गरसुल्ला पंचायत के ग्रामीण भी शामिल हुए। बैठक में संरक्षक दसई मांझी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की तानाशाह रवैया के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। जब तक मांगे पूरी नहीं होगी रेलवे साइडिग का कार्य बंद रहेगा। विस्थापित-प्रभावित व ग्रामीणों की सुविधा का ख्यान रखना ही होगा। वहीं अब तक प्रबंधन ने वार्ता की पहल नहीं की है। मौके पर संरक्षक दसई मांझी, अध्यक्ष शनिचर मांझी, सचिव कार्तिक मांझी, उपाध्यक्ष दिनेश करमाली, सीताराम किस्कू, सलाहकार कौलेश्वर मांझी, मुनीशराम मांझी, सुखु मांझी, सुरेश मांझी, रैना टुडू, सुरेश मुर्मू, तुलसी उरांव, तुलसी करमाली, महादेव सोरेन, संतोष प्रजापति, खेपन मांझी, सुबितराम किस्कू, जितेन्द्र यादव, तालो हांसदा, सिकंदर सोरेन, पूरन मांझी, पूरन टुडू, शिकारी टुडू, भादो करमाली, महाबीर साव, बिनोद सोरेन, हेमलाल बेसरा, बरियात किस्कू, मनु टुडू विमला देवी, यसोदा देवी आदि मौजूद थे।
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इन मांगों को ले कार्य कराया है ठप
खतियानी रैयत परिवार द्वारा बिरसा परियोजना सीसीएल को सात सूत्री मांग-पत्र पूर्व में सौंपी गई है। उरीमारी परियोजना द्वारा विस्थापित किये गये हेसाबेड़ा टोला में निर्माण हो रहे नार्थ उरीमारी रेलवे साइडिग को गांव से दूर किसी अन्य जगह पर खोलने या विस्थापितों का पुनर्वास करने, शिविर लगाकर खतियान के आधार पर विस्थापित प्रमाण-पत्र निर्गत करने, 1975 में उरीमारी परियोजना द्वारा अधिग्रहित भूमि के भू-स्वामी को शेष बचे जमीन पर नौकरी व मुआवजा देने, श्मशान घाट की चाहरदिवारी बनाने व आनेजाने वाले सड़क को पक्कीकरण करने, उरीमारी से विस्थापित पिडरा व रोहेनगोड़ा में शुद्ध पेयजल, सड़क व स्ट्रीट लाइट लगाने, सरना स्थल की चाहरदिवारी निर्माण आदि मांगें शामिल है।