मानक से हटकर पीपीई किट को बनाया जा रहा व्यापार
- दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पीपीई किट
- दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्शन किट) का निर्माण किया गया है। ताकि इसे पहनने वाले डॉक्टरर्स, नर्स सहित कोरोना योद्धा जो इस महामारी के समय अपनी जान हथेली पर रखकर दिन-रात काम कर रहे है, उन्हें सुरक्षा प्रदान किया जा सके। इसके लिए पीपीई किट का निर्माण किया गया है। इससे इतर बाजारों में पीपीई किट को बिजनेस के रूप में देखकर बेचा जा रहा है। कालाबाजारी भी इसकी शुरू हो गई है। पहले जो पीपीई किट बाजारों में आई थी वह पहनने में काफी आरामदायक था। लेकिन उसमें थोड़ी कमी या कहे की मानक के अनुरूप नहीं था। दूसरा किट जो बाजार में उपलब्ध हुआ वह काफी महंगा है। आरामदायक भी नहीं है। उसके बाद भी वही पीपीई किट सुरक्षित माना जा रहा है। बाजारों में इसकी कालाबाजारी जमकर हो रही है। लोग किट को खरीद रहे हैं। मानक मेडिकल ने तय किया हैं उसके अनुरूप किट बेहतर नहीं है। इस महामारी काल में भी लोग कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे है। पीपीई किट को लेकर जब जिले के प्रसिद्ध डॉक्टरों से बात की गई तो उन्होंने अपनी राय जागरण के साथ साझा किया।
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पीपीई किट दो तरह का है। शुरुआती दौर में जो किट आया था वह आरमदायक था। दूसरा किट आरामदायक नहीं है पर महंगा काफी है। लेकिन यह किट बेहतर है। कोविड-19 को लेकर अटकलबाजी है। पहले किट में हवा तो नहीं प्रवेश करता हैं तो कोविड भी प्रवेश नहीं करेगा। दूसरा जो हैं उसका दाम काफी है। वह देखने में काफी सुंदर दिखता है। पहनने के बाद थोड़ी भी हवा नहीं आती हैं पूरा शरीर पसीना से भरा रहता है। लेकिन पहनने में काफी अनकंफर्ट होता है। पीपीई किट को खरीदते समय इसे अच्छी तरह देख और परख लेना चाहिए। इसकी खरीदारी करते वक्त किसी एक्सपर्ट का होना आवश्यक है।
-डॉ. गीता सिन्हा मानकी,
रांची अब्सिटट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी सोसाइटी सचिव व चिकित्सक।
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पर्सनल प्रोटेक्शन किट कहते है। इसे पहन लेना मात्र ही सब कुछ नहीं है। इसका मानक के अनुरूप होना अतिआवश्यक है। कोविड-19 महामारी में आजकल कुछ एक जगह पर लोग इसे बिजनेस बना रहे हैं। जो केवल मन को विश्वास दिलाने के लिए काफी है। जबकि वह स्टैंडर्ड नहीं है। ना ही कोई बचाव है। जिले में जो किट उपलब्ध हो रहा है वह मानक के अनुरूप है। इसकी क्वालिटी देखी जाती है। कैप, मास्क्, शू कवर का होना, पैर से सिर तक की लंबाई तक कहीं छिद्र नहीं होगा। इसे डॉक्टर्स देखकर समझ लेते है। इसे लेने से नहीं इसे पहनने और खोलने का तरीका होना चाहिए। नहीं तो पहनते और खोलते वक्त कोरोना वायरस जो पीपीई किट के सतह पर रहता हैं वह प्रवेश कर जाएगा।
-डॉ. ठाकुर मृत्युंजय सिंह आईएमए उपाध्यक्ष।
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पीपीई किट का जो भी मानक तय होता हैं वह कमेटी के अनुसार होता है। इसके लिए कमेटी बनाई जाती है, वहीं तय करती है। इसके लिए आवश्यक हैं इसे परखना। पीपीई किट को लेकर कई अफवाएं भी बाजारों में हैं। कोविड-19 महामारी में संक्रमित मरीजों के साथ रहने वाले जो भी स्टॉफ होते हैं चाहे डाक्टर्स हो, पारा मेडिकल स्टॉफ, नर्स, पुलिस सहित जो भी हो उन्हें पीपीई किट पहना चाहिए। बेहतर तरीके का किट ही पहना चाहिए। ऐसा नहीं कि भ्रम में पीपीई किट पहने हुए हैं और पीड़ित के साथ संपर्क में रहकर सुरक्षा को भूल जाएं। गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट अत्यंत जरूरी होता है।
-डॉ. नीलम चौधरी,
सिविल सर्जन, रामगढ़ ।
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मैटरियल 90 जीएसएम का होना चाहिए। इसका मतलब हैं कि इसके अंदर कुछ भी आरपार नहीं होगा। शू का जो कवर है वह कार्फ तक होना चाहिए। कई कंपनी बाजार में है। इसके लिए सर्टिफिकेशन लेना होता है। यह सर्टिफिकेशन वह लेगा जो किट उपलब्ध करा रहा है। पीपीई किट को लेकर बाजारों में कई भ्रांतिया भी फैली हुई हैं। वैसे बाजारों में कई कंपनी का किट बिक रहा है। उसे बेहतर तरीके से परखकर देखना होगा कि वह मेडिकल के मानक पर पूरी तरह खरा हैं या नही। कोविड-19 को लेकर सुरक्षा अत्यंत जरूरी हैं। इसीलिए पीपीई किट अत्यंत आवश्यक है।
-डॉ. निधि बजाज,
स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ, रामगढ़ ।