पुलिस के लिए पहेली बनी मेडिकल कालेज की छात्रा की डेथ मिस्ट्री
गत 12 जनवरी की सुबह पतरातू डैम के उच्चरिगा क्षेत्र से हाथ-पैर बंध युवती का शव मिला था।
संवाद सूत्र, पतरातू थर्मल(रामगढ़): गत 12 जनवरी की सुबह पतरातू डैम के उच्चरिगा क्षेत्र से हाथ-पैर बंधे पानी में उफनते मिले हजारीबाग मेडिकल कालेज की छात्रा शव पुलिस के लिए पहेली बन गई है। मामले में डीपीजी द्वारा 72 घंटे के अंदर कांड का गुत्थी सुलझाने का दावा भी फेल हो गया। डीजीपी ने तीन दिन पहले रामगढ़ में मीडिया के समक्ष दावा किया था कि पूरे घटनाक्रम के साथ दो-तीन दिनों के अंदर छात्रा के मामले में गुत्थी सुलझा लिया जाएगा। लेकिन आठ दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस के लिए एक पहेली बनी गई है। पुलिस की टीम ने मंगलवार को भी छात्रा के गायब मोबाइल को खोलने में लगी रही। बताया जा रहा है कि छात्रा के गायब एंड्रायड मोबाइल मिलने के बाद ही पुलिस कांड के अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच सकती है। हालांकि छात्रा की डेथ मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर चौकीदार तक सभी के सभी लगातार मेहनत कर रहे हैं। पुलिस की अलग-अलग टीम हजारीबाग मेडिकल कॉलेज व हॉस्टल से लेकर उसके बस से रांची पहुंचने के साथ-साथ उसका शव पतरातू डैम में मिलने वाले स्थान को केंद्र बिदु मानकर जांच कर रही है। पुलिस की जांच की सबसे अहम कड़ी छात्रा का एंड्रायड फोन को माना जा रहा है। वहीं इस डेथ मिस्ट्री को लेकर पूर राज्य में विरोध प्रदर्शन का दौर भी जारी है। मंगलवार को पुन: छात्रा के हाथ-पैर बंधे शव मिलने वाले स्थान पर पोकलेन लगाकर डैम के उस स्थान की साफ-सफाई कराई गई। बावजूद पुलिस प्रशासन अभी भी खाली हाथ लकीर पीट रही है। इस संबंध में पुलिस के कोई भी अधिकारी अभी तक कुछ भी बताने से भी बच रहे हैं।