सीसीएल कर्मी की दुर्घटना में मौत, नौकरी की मांग को ले काम ठप कराया
संवाद सूत्र गिद्दी (रामगढ़) रेलीगढ़ा परियोजना के एक्सवेशन में फिटर के पद पर कार्यरत सीसी
संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : रेलीगढ़ा परियोजना के एक्सवेशन में फिटर के पद पर कार्यरत सीसीएल कर्मी महेश सोरेन (43) मंगलवार की शाम सवा छह बजे पसरिया (बड़कागांव) घर जाते समय उरीमारी-बड़कागांव बोर्डर पर सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। बाद में सीसीएल कर्मी को मेडिका अस्पताल रांची ले जाया गया। जहां रात करीब दस बजे उपचार के क्रम में उसका निधन हो गया। सीसीएल कर्मी के मौत होने की सूचना मिलने के बाद ट्रेड यूनियन नेता बैजनाथ मिस्त्री, धनेश्वर तुरी, अरूण कुमार सिंह, विदेश्वरी सिंह, गौत्तम बनर्जी, सुनील सिंह, रासो सिंह, जन्यमेजय सिंह, संजय बक्सी, मंगरू महतो, शाबीर अंसारी, देवनाथ महली, अखिलेश सिंह, करूण सिंह ने मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर बुधवार की सुबह छह बजे से एक्सवेशन का कामकाज ठप करा दिया। मामले की जानकारी मिलने के बाद रेलीगढ़ा पीओ एकेबी सिंह, मैनेजर कैलाश कुमार, अरगडा एसओपी गिरिश चंद्र, कार्मिक प्रबंधक मनीष अंबष्टा एक्सवेशन पहुंचे। जहां यूनियन नेताओं के साथ वार्ता किया। वार्ता में मृतक के पत्नी को प्रोविजनल नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर देने के आश्वासन के बाद दस बजे के करीब एक्सवेशन का कामकाज शुरू हो गया। कर्मियों ने बताया कि महेश सोरेन रेलीगढ़ा एक्सवेशन में जेनरल सिफ्ट में ड्यूटी करने के बाद सवा पांच बजे एक्सवेशन से अपनी पेशन प्रो बाइक से बड़कागांव पसरिया घर जाने के लिए निकला था। सवा छह बजे उरीमारी-बड़कागांव पसरिया घाटी सड़क पर अज्ञात वाहन के चपेट में आने से बुरी तरह से घायल हो गया। बाद में उसे मेडिका रांची अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया। जहां सर में गंभीर चोट आने के कारण उपचार के दौरान उनकी मौत रात करीब दस बजे हो गई। सीसीएल कर्मी महेश सोने के मौत की सूचना मिलने के बाद उनकी पत्नी प्रवीण कुमारी व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। महेश सोरेन अपने पीछे पत्नी प्रवीण कुमारी व पांच वर्ष का पुत्र विवेक प्रशांत सोरेन को छोड़ गया है। वहीं रेलीगढ़ा प्रबंधन ने बताया कि मृतक की पत्नी प्रवीण कुमारी को प्रोविजन नियुक्ति पत्र, दाह संस्कार के लिए राशि व एसगेरेसिया देने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है। बताते हैं कि महेश सोरेन को सीसीएल में जमीन के बदले 2008 में रेलीगढ़ा में नौकरी मिली थी।