पारंपरिक खेती से आमदनी बढ़ा सकते हैं किसान : सांसद
संवाद सूत्र मांडू(रामगढ़) सत्यमेव जयते और विज्ञान में कोई अंतर नहीं है। विज्ञान तभी सही ह
संवाद सूत्र, मांडू(रामगढ़): सत्यमेव जयते और विज्ञान में कोई अंतर नहीं है। विज्ञान तभी सही होता है, जब हम उन्हें प्रमाणित करते हैं। विज्ञान से हम विकास कर सकते हैं। ये बातें हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कही। वे सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र मांडू, रामगढ़ में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को लेकर तीसरे चरण के 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हजारीबाग व रामगढ़ जिला के पैक्स सदस्य व खाद विक्रेताओं के बीच उर्वरक की महत्ता से अवगत कराते हुए कहा कि किसान पारंपरिक खेती धान व गेहूं के अलावा हरी सब्जी व मत्स्य पालन, बकरी, मुर्गी पालन के साथ-साथ बेमौसमी सब्जी उत्पादन कर आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं। केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डा. दुष्यंत कुमार राघव ने प्रशिक्षकों को उर्वरक एवं इसके उपयोग करने को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। कहा कि अन्य राज्यों की अपेक्षा झारखंड में किसानों द्वारा उर्वरक का उपयोग 60 प्रतिशत कम किया जाता है। कहा कि उर्वरक के अधिक उपयोग पर सीधा असर हमारी मिट्टी के स्वास्थ्य पर होगा। डा. इंद्रजीत प्रजापति ने मिट्टी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पैक्स सदस्य एवं खाद बीज विक्रेताओं के बीच उपरोक्त प्रशिक्षण को अत्यंत लाभकारी बताया। कहा, क्षेत्र के किसान बीज के अलावा उर्वरक खरीदने के लिए बीज विक्रेताओं के पास जाते हैं। ऐसे में विक्रेताओं को प्रशिक्षित होना जरूरी है, ताकि वे किसानों को सलाह देकर फसल में उचित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करा सके। मौके पर बीडीओ विनय कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार मेहता, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार गुप्ता, जगेश्वर प्रजापति, मनोहर गुप्ता, सनी कुमार, सनी आशीष बालमुचु, शशिकांत चौबे आदि मौजूद थे।