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भूख-हड़ताल पर बैठे रैयत विस्थापितों की बिगड़ी तबीयत

संवाद सूत्र भुरकुंडा/पतरातु थर्मल(रामगढ़) पीवीयूएनएल व पुलिस प्रशासन के विरोध में पीटीपीएस।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:13 AM (IST)
भूख-हड़ताल पर बैठे रैयत विस्थापितों की बिगड़ी तबीयत
भूख-हड़ताल पर बैठे रैयत विस्थापितों की बिगड़ी तबीयत

संवाद सूत्र, भुरकुंडा/पतरातु थर्मल(रामगढ़) : पीवीयूएनएल व पुलिस प्रशासन के विरोध में पीटीपीएस से विस्थापित हुए रैयतों व ग्रामीणों का विभिन्न गांवों में चल रहे भूख-हड़ताल आंदोलन पांचवें दिन रविवार को भी जारी रहा। इधर, लगातार पांच दिन से भूख-हड़ताल में बैठे आंदोलनकारियों की तबीयत बिगड़ने लगी है। कई गांव में चिकित्सकीय टीम भी नहीं पहुंची है। ग्रामीणों के अनुसार अधिकांश आंदोलनकारियों का कमजोरी के कारण ब्लड प्रेशर कम हो गया है। मालूम हो कि विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले ग्रामीण अपने पुनर्वास, मुआवजा, रोजगार के साथ-साथ पुलिस के द्वारा किए गए लाठी चार्ज के विरोध में भूख-हड़ताल पर विभिन्न गांवों में बैठे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक-दो गांव छोड़कर कर प्रशासन व चिकित्सा टीम किसी गांव के भूख-हड़ताल स्थल पर नहीं पंहुची है। क्षेत्र के किन्नी, हरिहरपुर, बलकुदरा, गेगदा, आराशाह, नेतुआ, जराद, रसदा सहित विभिन्न गांवों मे बड़ी संख्या में आंदोलनकारी भूख-हड़ताल पर बैठे हैं। इधर रविवार को पतरातू बीडीओ देवदत्त पाठक व बासल थाना प्रभारी राम सरीख तिवारी बलकुदरा भूख-हड़ताल स्थल पर पहुंच तबीयत बिगड़े ग्रामीणों को अस्पताल ले जाने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि हमलोग अस्पताल नहीं जाएंगे। ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण बलकुदरा की जालो देवी सहित अन्य दो लोगों को रामगढ सदर अस्पताल भेजा गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। इधर, पतरातू प्रखंड के दर्जनों गांव में भूख हड़ताल पर बैठे सैकड़ों ग्रामीणों की हालत अब बिगड़ने लगी है। परंतु अभी तक ना तो जिला प्रशासन और ना ही पीवीयूएनएल प्रबंधन की ओर से हड़ताल समाप्त कराने की कोई पहल की गई है।

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इनलोगों की बिगड़ी है तबीयत

हक-अधिकार को ले विभिन्न गांवों में विस्थापित भूख-हड़ताल पर बैठे हैं। इसमें मेलानी गांव में गनु महतो, नमिता देवी, किरण देवी, सुरेन्द्र कुमार, बेद महतो, प्रयाग महतो, सुरेन्द्र महतो, कपिल महतो, किरण देवी, नमीता देवी, झुलु महतो, रवि महतो, शिवलाल महतो, बरघुटुआ गांव में इकबाल अंसारी, फिरोज अंसारी, नितिश पाहन, दुखन मुण्डा, बिनोद करमाली, अनिल मुण्डा, अशोक मुण्डा, आराशाह गांव में शिव प्रसाद मुण्डा, कपिल मुण्डा, सीताराम मुण्डा, राकेश मुण्डा, जगमोहन मुण्डा, दशरथ गंझू, चंदवरी मुण्डा, पंकज मुण्डा, महेन्द्र मुण्डा, विशाल मुण्डा, बलकुदरा गांव में डॉली देवी, अनिल मुण्डा, सचिन मुण्डा, प्रेम मुण्डा, कर्मा मुण्डा, राम प्रवेश मुण्डा, सलील मुण्डा, किन्नी गांव में अशोक उरांव, भुनेश्वर महतो, सुनिल महतो, तालु उरांव, राज कुमार, सुमेल उरांव जराद गांव में कौशल महतो, मनीष कुमार, भरत कुमार, वंशी महतो, दिनेश महतो, अरविद महतो आदि की हालत चिताजनक बताई जा रही है।

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दो दिन में नहीं हुआ फैसला तो करेंगे सामूहिक आत्मदाह, रेल पटरी से शुरू होगा आंदोलन

पतरातू प्रखंड के विभिन्न गांवों मे बैठे अनशनकारियों की स्थिति चिताजनक हो गई है। इस मुद्दे पर रविवार की शाम बलकुदरा गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि दो दिन के अंदर पीवीयूएनएल विस्थापितों के हक-अधिकार देने की घोषणा नहीं करती है तो आमरण अनशन पर बैठे लोग सामूहिक आत्मदाह करेंगे। वहीं कई विस्थापितों द्वारा रेल लाइन पर आमरण अनशन करने का फैसला लिया गया। बैठक में मनीष मुण्डा, विजय मुण्डा, संदीप मुण्डा, अनुप कुमार, शुभम कुमार, संदीप मुण्डा, आशा देवी सहित कई लोग मौजूद थे।

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