सैनिटाइजर को भूले लोग, मास्क से भी कर रहे परहेज
दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ कोरोना का खतरा अभी टला भी नहीं कि लोग अपनी पुरानी आदतों मे
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : कोरोना का खतरा अभी टला भी नहीं कि लोग अपनी पुरानी आदतों में लौटने लगे हैं। धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य समझ कर लोग अपने साथ दूसरों के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं। कुछ दिनों से शहर सहित पूरे जिले में लोग न मास्क लगा रहे न सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं। एक तरह से वे इस संक्रमण के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं, जबकि डाक्टर बार-बार सजग कर रहे हैं। दिल्ली में यह भयावह होता जा रहा है, लेकिन हम सबक लेने को तैयार नहीं हैं। जिला प्रशासन भी इस मामले में पूरी तरह शिथिल हो गया है। इसलिए भी लोग बेखौफ होकर बाजार में बिना मास्क घूम रहे हैं। सैनिटाइजर भी दुकानों की शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने जब लाकडाउन किया तो लोग और राजनीतिक गलियारे से दुकान, प्रतिष्ठान, माल, जीम, होटल, रेस्टोरेंट, लाइन होटल, बाजार, हाट, आटो, बस आदि सभी को जल्दी खोलने का दबाव बनाने लगे। भूखों मरने का हवाला देकर हाय-तौबा मचाने लगे थे। सरकार ने जनता की परेशानी को समझते हुए आहिस्ता-आहिस्ता गाइडलाइन के साथ खोलने का आदेश जारी किया। गाइडलाइन तो धरी की धरी रह गई। डाक्टर की सलाह भी काम नहीं आ रही है। लोग अपने जीवन के प्रति भी लापरवाह हो गए हैं।
छूट का बेजा फायदा उठा रहे लोग
कोरोना वायरस को लेकर पुलिस-प्रशासन की दबिश के बाद लोग बदलते परिवेश में जीने की आदत डाल रहे थे। पुलिस-प्रशासन की छूट मिलते ही लोग बेजा फायदा उठाने लगे हैं। न कोई भय, न किसी की चिता। बस अपनी मर्जी का मालिक बनकर चलने लगे हैं। इससे भय और बढ़ने लगा है।
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हर हाल में लोगों को कोरोना वायरस को सामान्य बीमारी मानकर नहीं जीना चाहिए। यह काफी खतरनाक है। मास्क और शारीरिक दूरी का ख्याल रखना चाहिए। मास्क को घर से बाहर निकलते ही लगाना चाहिए। भीड़ से खुद को दूर रखना चाहिए। ठंड के मौसम में यह वायरस और एक्टिव हो जाएगा। इससे बचने के लिए गरम पानी, मास्क, सैनिटाइजर का उपायोग करना चाहिए।
-डा. गीता सिन्हा मानकी।