काला गेहूं की खेती कर अपने को समृद्ध बनाएं किसान
संवाद सहयोगी रामगढ़ जिल के दुलमी प्रखंड अंतर्गत प्रियातु गांव के किसान काला गेहूं की खेती
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : जिल के दुलमी प्रखंड अंतर्गत प्रियातु गांव के किसान काला गेहूं की खेती कर अपने को समृद्ध बनाएंगे। प्रखंड के पंद्रह किसानों के समूह को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) रामगढ़ की ओर से बीज रोपाई की जानकारी दी जा रही है। रविवार को इन्हें काला गेहूं बीज की रोपाई एसआरआई पद्धति (सधनीकरण पद्धति) से की गई। इन्हें आत्मा के उप निदेशक चंद्रमौली ने बताया कि इस गेहूं की खेती करने का अलग तरीका है, इस पद्धति का पालन कर के अधिक उपज प्राप्त किया जाता है। इस पद्धति में कम बीज लगता है, लगभग 10 से 12 किलो प्रति एकड़। इसे लगाने के पहले बीज उपचार एवं शोधन, पौधों के बीच की दूरी कतार से कतार आठ इंच दूरी रखते हैं। काले गेहूं की बुआई समय से एवं पर्याप्त नमी पर करनी चाहिए. देर से बुवाई करने पर उपज में कमी होती है, जैसे-जैसे बुआई में विलंब होता जाता है, गेहूं की पैदावार में गिरावट की दर बढ़ती चली जाती है। खेत की तैयारी के समय जिक व यूरिया खेत में डालें तथा डीएपी खाद को दें, बुआई करते समय 27 किलो डीएपी, 25 किलो यूरिया, 13.5 किलो म्यूरेट आफ पोटाश तथा 10 किलो जिक सल्फेट प्रति एकड़ दें। चंद्रमौली ने बताया कि वैसे तो किसान अपनी परंपरागत खेती करने में ही विश्वास करते है लेकिन आनंद महतो को इस नवीनतम तकनीक से अवगत कराया तो इच्छुक हुए और साथ ही काला गेहूं की खेती करने की चाहत भी बनी और आज हम इनके खेत पर गेहूं की बुआई करने आ गए। उम्मीद है कि इससे अच्छा उत्पादन होगा। प्रियातू गांव के काला गेहूं की खेती करने वाले अन्य किसानों में किशोर महतो, रितु लाल महतो, भोलानाथ महतो, कालेश्वर महतो, नरेश महतो, करम महतो, रूपलाल महतो, जय नंदन महतो, जितेंद्र महतो, झूबर महतो, सुरेंद्र महतो, रवींद्र महतो, टुपलाल महतो, सोसो ग्राम के ब्रह्मदेव मुंडा शामिल हैं।