नहीं मानें विस्थापित, मांगों को चलेगा आंदोलन
संवाद सूत्र पतरातू थर्मल(रामगढ़) विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा ने पूर्व घोषित अनिश्चिकालिन धरना।
संवाद सूत्र, पतरातू थर्मल(रामगढ़) : विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा ने पूर्व घोषित अनिश्चिकालिन धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत बुधवार से आंदोलन प्रारंभ कर दिया। पीवीयुएनएल मुख्य गेट के समक्ष पीटीपीएस पोस्ट ऑफिस के निकट आयोजित धरना कार्यक्रम में पीटीपीएस से विस्थापित हुए 25 गांवों के हजारों विस्थापित शामिल हुए। इधर, बुधवार की सुबह से ही पतरातू पुलिस थाना के साथ-साथ जिला मुख्यालय से भेजे गए अतिरिक्त पुलिस बल सैट के जवानों को पीवीयुएनएल के दोनों मुख्य गेट पर तैनात कर दिया गया था। धरना स्थल पर आयोजित सभा की अध्यक्षता मोर्चा अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद व संचालन प्रदीप महतो ने किया। मौके पर आदित्य नारायण ने कहा कि विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा अपने हक व अधिकार के लिए कई पीढि़यों से संघर्ष करते आ रहा है। परंतु हमेशा पहले पीटीपीएस प्रबंधन अब पीवीयुएनएल प्रबंधन झूठे आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त कराता है। बाद में प्रबंधन द्वारा विस्थापितों के मुद्दों को दरकिनार कर दिया जाता है। विस्थापित मोर्चा के आंदोलन में विभिन्न विस्थापित गांवों के लोग टोलियां बनाकर धरना स्थल पर पहुंचे। वहीं इस आंदोलन में मुख्य रूप से आजसू के केन्द्रीय महासचिव रौशनलाल चैधरी, कुमेल उरांव, शिवलाल महतो, गंगाधर महतो, भुनेश्वर महतो, मो अलीम, असगर अली, दिलीप दांगी, शिवप्रसाद मुंडा, लालु महतो, गुनजरी देवी, सुरेश साव, प्रकाश कुमार, छोटू करमाली, अमरनाथ महतो, राजा राम प्रसाद, विजय मुण्डा, भरत मांझी, टिकेश्वर महतो, देवनारायण महतो, कौलेश्वर महतो आदि मौजूद थे।
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समझाने पहुंचे अधिकारी
आंदोलनरत विस्थापित प्रभावितों को समझाने का पीवीयुएनएल व प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा प्रयास किया गया। इमसें मुख्य रूप से पतरातू एसडीपीओ प्रकाश चन्द्र महतो, पतरातू सीओ निर्भय कुमार, पतरातू थाना प्रभारी दुर्गा शंकर मंडल, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पतरातू सहकारिता प्रसार पदाधिकारी देवेन्द्र पांडेय एंव पीवीयुएनएल के वाई देवाशीष , राहुल गौतम आदि शामिल थे। इन अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से वार्ता करने की बात कही गई। इसे मोर्चा द्वारा अस्वीकार करते हुए आंदोलन पर बने रहने की बात कही गई। क्या हैं मुख्य मांगें
विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा द्वारा पांच मुख्य मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार मुआवजा दिए जाने, पीवीयुएनएल में विस्थापितों की स्थाई नौकरी, पुराने प्लांट का डिस्मेंटलिग रोकने, बाहर से लाए गए मजदूरों को हटाए जाने, पूर्व में हुए वार्ता अक्षरश: लागू किए जाने, पीवीयुएनएल अथवा भेल द्वारा कराए जाने वाले लोडिग-अनलोडिग कार्य विस्थापितों की निगरानी में किए जाने, पीवीयुएनएल, युपीएल व बीएचईएल की रिक्तियों में विस्थापित प्रभावितों को 80 प्रतिषत आरक्षित किए की मांग शामिल है।
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