'काला नमक' धान जीवन में घोलेगा मिठास
संवाद सहयोगी रामगढ़ काला नमक। यह कोई नमक नहीं धान की एक अलग प्रजाति का नाम है। जि
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : काला नमक। यह कोई नमक नहीं, धान की एक अलग प्रजाति का नाम है। जिले के कई हिस्सों में इसकी खेती इस बार की गई है। फसल का उत्पादन देखकर किसान उत्साहित हैं। यह उनके जीवन में मिठास घोलने जा रही है। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) रामगढ़ ने इस बाद किसानों को नए कृषि क्षेत्र में नए कार्य के लिए प्रेरित किया है। यह इसी की परिणाम है। इस प्रयोग से किसान भी उत्साहित हैं। किसानों को काला नमक सुगंधित धान की खेती के बारे में अवगत कराया गया था। जानकार कहते है कि सुगंधित धान काला नमक की खेती से किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। जिले के नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत हेसला गांव के संतोष बेदिया ने काला नमक धान की खेती गत जुलाई माह में की थी। शुक्रवार से फसल की कटाई प्रारंभ हो गई। इसे देख संतोष सहित उनके परिजन उत्साहित हैं। वहीं दूसरी ओर आत्मा से जुड़े अधिकारी मान रहे है कि इस नवीनतम प्रयोग से अच्छा संदेश जिले के किसानों के बीच जाएगा। संतोष ने आत्मा के उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली के मार्गदर्शन में काला नमक नामक धान की फसल पूरी तरह जैविक विधि से लगाई गई है. इस संबंध में परियोजना उप निदेशक चंद्रमौली ने बताया कि धान एक बार फिर से अपनी अच्छी खुशबू देने को तैयार है। काला नामक चावल की कीमत बाजार में काफी अच्छी है। काला नमक चावल खुशबूदार व मुलायम है। काला नमक चावल को कई तरह की बीमारियों से बचाव के लिए रामबाण माना जाता है। जानकार बताते है कि इसमें पोटेसियम के साथ-साथ प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी एवं आयरन व एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी अधिक होती है जो अन्य किसी चावल में नहीं पाई जाती है। इसके सेवन से कई तरह की बीमारियों के से निजात मिलने के दावे जानकार करते हैं। चंद्रमौली ने कहा कि आने वाले समय में यहां के किसान काला नमक चावल का उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।