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पुंडी कोलियरी बंद होने से कोयला तस्करों की चांदी

संजय मंडल मांडू(रामगढ़) सीटीओ क्लीयरेंस नहीं मिलने से सीसीएल के पुंडी परियोजना कोलियर

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:49 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 06:49 PM (IST)
पुंडी कोलियरी बंद होने से कोयला तस्करों की चांदी
पुंडी कोलियरी बंद होने से कोयला तस्करों की चांदी

संजय मंडल, मांडू(रामगढ़): सीटीओ क्लीयरेंस नहीं मिलने से सीसीएल के पुंडी परियोजना कोलियरी बीते करीब एक साल से कोयला उत्पादन बंद है। परियोजना में नाम मात्र सिर्फ ओबी हटाने का किया जा रहा है। कोलियरी में कोयला उत्पादन नहीं होने से जहां एक ओर सीसीएल को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है, वहीं क्षेत्र में बेरोजगारी भी बढ़ गई है। दूसरी ओर, बंद होने से कोयला तस्करों की चांदी हो गई। कोलियरी से प्रतिदिन कोयले की चोरी हो रही है। कोलियरी में सुरक्षा व्यवस्था न देख ग्रामीण महिला-पुरुष धड़ल्ले से कोयला खदान से कोयले की हेराफेरी कर रहे हैं। हालांकि प्रबंधन ने दावा किया कि कोयला व खदान की सुरक्षा के लिए गार्ड नियुक्त किए गए हैं। लेकिन धरातल में कुछ और ही है।

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बता दें कि कोलियरी में कोयला उत्पादन पूर्णत: बंद होने से बीते एक साल से डंप का काम भी बंद है। डंप में कोलियरी के आस-पास के कई गांवों के लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते थे, वे सभी बेरोजगार हो गए। रोजगार के लिए देश के दूसरे राज्यों में पलायन कर रहें है। कर्मिंयों ने बताया कि प्रत्येक पाली में सिर्फ दो ही डंपर ओबी हटाने में चल रहे हैं। कोलियरी में कोयला उत्पादन के साथ-साथ डिस्पैच का काम भी बंद है। कोलियरी में कार्यरत करीब 600 कर्मीं प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज कर बिना कार्य किये घर वापस लौट रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कोलियरी में कोयला उत्पादन बंद होने के बाद प्रबंधन ने कई कर्मियों को सीसीएल की अन्य कोलियरियों में स्थानांतरण कर दिया गया है। कई को स्थानांतरण करने के लिए स्थानीय प्रबंधन ने सूची बनाकर सीसीएल मुख्यालय को भेजा है। वहीं कोयला उत्पादन मे लगी कई मशीनों को भी अन्य अन्य परियोजनाओं में भेज दिया गया है। प्रबंधन ने कोलियरी संचालन के लिए पर्यावरण व सीटीओ क्लीयरेंस को लेकर राज्य सरकार को आवेदन सौंपा है। जबतक क्लीयरेंस नहीं मिलता है, तबतक कोलियरी संचालन नहीं करने की बात सीसीएल के पदाधिकारी कहते हैं। जानकारों के अनुसार वन एवं पर्यावरण विभाग के नए नियम के अनुसार पुंडी कोलियरी को क्लीयरेंस मिलने में कठिनाई हो सकती है। --

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पुंडी कोलियरी को सीटीओ क्लीयरेंस सीसीएल प्रबंधन और केंद्र सरकार की उपेक्षा पूर्ण नीति के कारण नहीं मिल पाई है। सरकार कोयला खदान को निजीकरण करने की साजिश रच रही है। इससे मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है।

-हाजी मो. अताउल्लाह अंसारी, सचिव राकोमस के कुजू एरिया

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केंद्र व राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण आज पुंडी कोलियरी की यह हाल है। मजदूरों में भय का माहौल है। कोलियरी बंद होने से आस-पास के क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ गयी है। सरकार कोयला खदानों को निजीकरण करने की साजिस रच रही है।

सुनील कुमार, सचिव आरसीएमएस पुंडी शाखा।


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