चलने में थोड़ी हुई चूक तो जिंदगी से जाएंगे चूक
दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ चलने में थोड़ी सी चूक हुई जो आप जिंदगी से हाथ धो देंगे।
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ :
चलने में थोड़ी सी चूक हुई जो आप जिंदगी से हाथ धो देंगे। यह सड़क ऐसी ही है। जानलेवा। राज्य सरकार के आला अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारियों की फौज भी रामगढ़-भुरकुंडा मुख्य मार्ग पर करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई सड़क व फ्लाइओवर में हुई एक बड़ी चूक को कोई भी नहीं देख पाया। जबकि सड़क निर्माण झारखंड के जेआरडीसीएल (झारखंड एक्सीलरेटेड रोड डेवल्पमेंट कंपनी) द्वारा पतरातू से लेकर रामगढ़ तक मुख्य सड़क बनाई गई है। महज रामगढ़ से बरकाकाना तक जाने के लिए मुख्य सड़क पर दो फ्लाइओवर बनाया गया है। इसमें रामगढ़ के वनजारी मंदिर के समीप बनाए गए फ्लाइओवर के दाएं ओर चलने वाले पैदल पथ के अंत में यूं ही छोड़ दिया गया है। न ही कोई दीवार न ही कोई डिमार्केशन दिया गया है। इससे वहां चलने वाले लोग आसानी से उसे देखकर रूक जाए। उसी पैदल पथ पर नित्य दिन सैकड़ों लोग सुबह-शाम को टहलने के लिए निकलते है। कई बार उसी पथ पर बाइक सवार को भी चलते देखा गया है। फ्लाइओवर के अंत में पैदल पथ को खुला ही छोड़ दिया गया है। जबकि तीन वर्ष पूर्व मिलिट्री कैंप के मैदान व बनजारी मंदिर के समीप बड़े ही तामझाम के साथ नवनिर्मित सड़क व फ्लाइओवर का तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका उद्घाटन किया था। सबसे बड़ी बात निर्माण कार्य कर रहे कंपनी के किसी अभियंता व अधिकारी ने भी इस बड़ी चूक की ओर अपनी नजर को नहीं फेर पाए। आखिर बिना जांच के कंपनी ने सड़क व फ्लाइओवर को कैसे हैंडओवर कर दिया। यह एक बड़ा सवाल बनकर उभर गया है।
-------
पैदल पथ से गिरे तो जान जानी तय
पैदल पथ के अंतिम छोर पर जरा भी ध्यान भटका तो जान जानी तय है। क्योंकि फ्लाइओवर की ऊंचाई काफी है। वहां से गिरते ही सीधे नीचे पथरीला जमीन व सड़क है। इसलिए उस पथ पर बचकर ही चलना मुनासिब है।
-------