प्रतिबंधित मांस व तौहिद हत्या मामले में पेंच दर पेंच
इधर, तौहिद हत्या मामले में कंट्रास्ट दर कंट्रास्ट के कारण पुलिस भी चुप्पी साधे हुई है। छनकर मिली जान
इधर, तौहिद हत्या मामले में कंट्रास्ट दर कंट्रास्ट के कारण पुलिस भी चुप्पी साधे हुई है। छनकर मिली जानकारी के मुताबिक, चिकित्सकों ने कहा है कि तौहिद की मौत शव बरामदगी से तकरीबन 48 घंटे पूर्व हुई है। इसका मतलब, प्रतिबंधित मांस लदी बाइक पर कोई और था। हालांकि पुलिसिया अनुसंधान के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा। मालूम हो कि गोमांस तस्करी के आरोपी मो.अलीमुद्दीन की 29 जून 2017 को भीड़ द्वारा हत्या किए जाने के मामले में ग्यारह आरोपियों को फास्ट ट्रैक अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से ही यहां आग धधक रही है। चितरपुर की घटना के बहाने इस आग में घी झोंकने का काम हो रहा है। अगर समाज के सुलझे विचारधारा के लोग इस ¨चगारी में पानी डालने का काम नहीं करेंगे तो चिंगारी से शोले धधकने की आशंका बनी रहेगी।
यहां यह भी बता दें कि मो.अलीमुद्दीन मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पूर्व विधायक शंकर चौधरी की अगुवाई में आंदोलन चल रहा है। उक्त मामले में शंकर चौधरी काफी गंभीर हैं। इधर, प्रतिबंधित मांस लदी बाइक मिलने के बाद एक बार फिर चौधरी गर्म हो उठे हैं। वे सीएम के आदेश का हवाला देते हुए कहते हैं कि अभी की स्थिति में डीसी व एसपी को रजरप्पा थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर पर मामला दर्ज करना चाहिए।
बहरहाल, तौहिद हत्या मामले में उसके पिता द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इधर, पुलिस द्वारा एलबी रोड, चितरपुर सहित कई बूचड़खानों में छापेमारी अभियान चलाने की सूचना मिली है। हालांकि छापेमारी का नतीजा ठन-ठन गोपाल निकला। उधर, शव का पोस्टमार्टम के बाद बिसरा रिजर्व रख लिया गया है। बहरहाल, तौहिद मामले में पुलिस कुछ भी बताने से गुरेज कर रही है। वैसे तौहिद के भाई ने वरीय अधिकारियों को आवेदन देकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की है।