पतरातू लेक रिसार्ट से मायूस लौट रहे पर्यटक
राजीव रंजन पतरातू थर्मल(रामगढ़) पतरातू लेक रिसार्ट को देखने के लिए छठ की समाप्ति के
राजीव रंजन, पतरातू थर्मल(रामगढ़) :
पतरातू लेक रिसार्ट को देखने के लिए छठ की समाप्ति के बाद ही पर्यटकों की आमद बढ़ जाती है। यह क्रम जनवरी तक चलता रहता है। सैर-सपाटे से लेकर पिकनिक का दौर भी शुरू हो जाता है। पतरातू डैम सालों से पर्यटकों को लुभाता आ रहा है। अब तो इसका कायाकल्प भी हो गया है। डैम में साइबेरियन पक्षियों का झुंड भी इन दिनों डेरा डाले हुए है। लोग इन्हें भी देखने के लिए आते हैं, लेकिन मार्च से कोरोना के कहर से बंद रिसार्ट अभी तक खुल नहीं पाया है। इस मौसम में हजारों की संख्या में पर्यटक पतरातू डैम आने लगते हैं। लाकडाउन समाप्त होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब पतरातू लेक रिसार्ट को भी खोल दिया जाएगा, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे चालू करने का आदेश नहीं दिया है। इन दिनों हजारों की संख्या में पर्यटक पतरातू डैम पहुंचने के बाद अपने परिवार के साथ निराश होकर लौट रहे हैं। बीते वर्ष 2019-20 में पतरातू लेक रिसार्ट से जेटीडीसी ने पिछले नवंबर से फरवरी माह तक डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई की थी।
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सैकड़ों हैं रोजगार से वंचित
फोटो 06 मो. मुद्दसीर
पतरातू लेक रिसार्ट बंद होने के कारण पतरातू डैम में नौका विहार कराकर जीविकोपार्जन करने वाले सैकड़ों नाविकों के अलावा दर्जनों ठेले खोमचे वालों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। दिसंबर व जनवरी महीने के व्यवसाय को लेकर यहां के छोटे-मोटे व्यवसायी काफी उत्साहित रहते थे। पतरातू डैम पर बीते कई वर्षों से आइसक्रीम का ठेला लगाने वाले मो. मुद्दसीर कहते हैं कि चार महीने की कमाई से साल भर घर का खर्च चलता था, लेकिन अब तो बंद है। मार्च से ही बंदी के कारण हम लोगों के सामने भी काफी संकट पैदा हो गया है। ---
शर्तों के साथ खोला जाए लेक रिसार्ट
फोटो 07 - ओडिशा के पर्यटक सुशांत कुमार गुरु
ओडिशा के संबलपुर निवासी सुशांत कुमार गुरु रविवार को अपने परिवार के साथ पतरातू लेक रिसार्ट घूमने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करोड़ों रुपए राजस्व खर्च कर इसे विकसित किया है। इसे इतने लंबे समय तक बंद रखने से सरकार कोभी भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऐसे में कोविड-19 को देखते हुए शर्तों को लागू कर इसे खोला जाना चाहिए।