हत्या में तब्दील हुआ सेल्समैन की आत्महत्या का मामला
जागरण संवाददाता रामगढ़ रांची में सेक्स रैकेट से जुड़ी युवतियां आनलाइन युवाओं को लूटने
जागरण संवाददाता, रामगढ़: रांची में सेक्स रैकेट से जुड़ी युवतियां आनलाइन युवाओं को लूटने का धंधा कर रही हैं। रामगढ़ में मोबाइल कंपनी में सेल्समैन का काम कर रहे एक 25 वर्षीय युवक ने इसी रैकेट के चंगुल में आने के बाद तंग आकर आत्महत्या कर ली। मामले में रामगढ़ थाने में आस्था विश्वकर्मा व स्वीटी कुमारी सहित अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। रामगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विद्या शंकर ने बताया कि मृतक के चाचा विश्वनाथ ने दो युवतियों सहित रैकेट में शामिल अन्य सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिन युवतियों का नाम आया है, उनका वाट्सएप नंबर भी पुलिस के हाथ लगा है। पूरे रैकेट के बारे में पता लगाया जा रहा है। रैकेट से जुड़ी युवतियां व युवक फेसबुक, वाटसएप व अन्य इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवाओं को टारगेट करते हैं और उनसे फोन पर लंबी बात करते हैं। धीरे-धीरे उन्हें अपने चंगुल में फंसा कर उनका आर्थिक दोहन करने लगते हैं। रंधीर भी इसी तरह से लूटा जा रहा था। उसने इन युवतियों को पैसे देने के लिए बैंक से लोन तक भी ले रखा था। विदित हो कि गत 23 नवंबर की शाम को सेल्समैन के रूप में काम करने वाले कसमार, बोकारो के युवक ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस संबंध में मृतक के चाचा विश्वनाथ ने रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। चाचा ने बताया कि घटना की सूचना मिली तो वे अपने अन्य परिजनों के साथ वह रामगढ़ पहुंचे। इस दौरान पता चला कि रंधीर दुकान से अपने सहकर्मी का स्कूटी लेकर किराए के मकान पारसोतिया में घटना के दिन दो बजे के करीब आया था। तीन बजे तक वह लगातार फोन पर किसी से बात करता रहा। इसके बाद उसने कमरे में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छानबीन करने पर पता चला कि फेसबुक पर आस्था विश्वकर्मा नाम की किसी लड़की से रंधीर की दोस्ती थी। आस्था खुद को रांची जिले की हरमू निवासी बताती हैं। उसका मोबाइल नंबर भी रंधीर के मोबाइल में सेव था। रंधीर से बात करने के लिए आस्था व उसके रैकेट के अन्य सदस्यों ने चचेरे भाई सुमित कुमार को भी कॉल किया था। इन सभी लोगों ने साजिश के तहत रंधीर को फंसाया और उससे हजारों रुपए लूट लिए। कई बार रैकेट के सदस्यों ने उनके दूसरे भतीजे चंद्रकांत को भी फोन किया था। लेकिन वे लोग उसकी जाल में नहीं फंसे। पारसोतिया मुहल्ले की महिलाओं ने भी यह बताया कि रंधीर अपने कमरे के बाहर निकलकर घंटों तक किसी से बात करते रहता था।