किशोर की हत्या के बाद गिरोह का सरगना बना था विकास
जागरण संवाददाता रामगढ़ पलामू जेल में बंद विकास तिवारी का अपराध के साथ चोली दामन का साथ
जागरण संवाददाता, रामगढ़ : पलामू जेल में बंद विकास तिवारी का अपराध के साथ चोली दामन का साथ रहा है। किशोर पांडे की जमशेदपुर में गोली मार कर हत्या किए जाने के बाद पांडे गिरोह की कमान उसके हाथ में आ गई थी। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में चर्चित नामों में शुमार हो गया। किशोर की हत्या के समय ही उसने प्रण कर लिया था की श्रीवास्तव गुट के सरगना सुशील श्रीवास्तव को मारूंगा। हजारीबाग कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े एक के 47 से सुशील श्रीवास्तव को गोली से छलनी कर विकास ने अपना वादा पूरा किया। विकास तिवारी पर ना केवल रामगढ़ जिले बल्कि एक राज्य के दर्जनों थाने में हत्या रंगदारी जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। हजारीबाग जेल में रहते उस पर जेल से ही दर्जनों व्यापारियों से रंगदारी मांगने का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद उसे पलामू जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। बताया जाता है कि पांडे गिरोह में भोला पांडे व उसके बाद किशोर पांडे के दौर में भी उसकी गिरोह में धमक थी। पतरातू में किशोर के अंतिम संस्कार के दिन सरेआम बंदूक से गोलियां की तड़तड़आहट कर किशोर को सलामी विकास ने ही दी थी। उसी समय यह तय हो गया था कि अब पांडे गिरोह की कमान विकास के पास ही रहेगी। अपराध की दुनिया में तेजी से पांव पसारने वाले जेल में बंद विकास आज भी विरोधी गुट वालों के निशाने पर रहता है। जानकारी के अनुसार सुशील के हत्या के बाद श्रीवास्तव गिरोह ने विकास को ठिकाने लगाने के लिए कई बार प्रयास किया। लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली शातिर दिमाग वाला विकास जेल में रहते ही हत्या व रंगदारी का प्लानिग बना अपने गुर्गो से उसे अंजाम दिलाता रहा है।