धर्म कोड लागू करने को ले आदिवासियों ने बनाई मानव श्रृंखला
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) आदिवासियों के अलग धर्म कॉलम सरना धर्म कोड को लागू करन।
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) : आदिवासियों के अलग धर्म कॉलम, सरना धर्म कोड को लागू करने को ले रविवार को कोयलांचल सहित ग्रामीण इलाकों में आदिवासी समाज के बैनर तले मतकमा चैक में मानव श्रृंखला बनाई गई। इससे पूर्व विभिन्न गांवों से सरना झंडा के साथ आदिवासी समाज के लोगों ने रैली के शक्ल में मतकमा चैक पहुंचे। मौके पर समाज के लोगों ने राज्य सरकार से सरना कोड लागू करने को ले मानसून सत्र में ही विधानसभा में इसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग की। कहा गया कि भगवान बिरसा मुंडा शहादत का एक ही नारा जल, जंगल, जमीन, खनिज संपदा व रोजगार पर अधिकार हो हमारा। मानव श्रृंखला में पार्षद अन्नु देवी, रामफल बेदिया, बिदेश बेदिया, हरिलाल बेदिया, रोहन बेदिया, राजन करमाली, द्वारिका बेदिया, विक्रम करमाली, राजा, खुशवानी देवी, बितनी देवी, गूंजा देवी, नरेश, बाबू मुंडा, सरयु मुंडा, राजू, बिदेश्वर, प्रेम, विकास, सुमेश्वर, बीरबल बेदिया, अर्जुन, कृष्णा मुंडा, भुनेश्वर, दिनेश, राजेंद्र, रामविकास, संजय करमाली, सागर, कपीलदेव आदि मौजूद थे।
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कुरसे में सरना कोड लागू करने की हुई मांग
कुरसे गांव में सरना कोड लागू करने को ले कुरसे सरना स्थल से लेकर मतकमा चौक तक मानव श्रृंखला बनाकर समाज के लोगों ने पैदल मार्च किया। मौके पर आदिवासियों का कहना था कि हमारे अस्तित्व धर्म आस्था, परंपरा, संस्कृति एवं सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने को ले राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए जनगणना प्रपत्र में ट्राइबल कॉलम सरना कोड लागू की जाए। कार्यक्रम सरकार के गाइड लाइन एवं फिजिकल डिस्टेसिग का पालन करते हुए पूर्णत: संवैधानिक एवं शांति पूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। मौके पर पूर्व पार्षद झरी मुंडा, पूर्व मुखिया रामदास बेदिया, संदीप उरांव, तुलसी बेदिया, ईश्वर मुंडा, सुनील मुंडा, अजय मुंडा, मनोज मुंडा, सतीश करमाली, पार्वती उरांव सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।