शहरी क्षेत्र में व्यवस्था दुरुस्त, ग्रामीण क्षेत्रों में बदहाल
जागरण संवाददाता रामगढ़ रामगढ़ जिले के 166 क्वारंटाइन सेंटर में शहरी क्षेत्र के सेंटर में
जागरण संवाददाता, रामगढ़ : रामगढ़ जिले के 166 क्वारंटाइन सेंटर में शहरी क्षेत्र के सेंटर में स्थिति अच्छी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायतें आम हैं। घाटो में पंचायतों में बने क्वारंटाइन सेंटर तो महज खानापूर्ति सा है। प्रशासन ने मांडू, गोला, पतरातू, दुलमी, चितरपुर व रामगढ़ प्रखंड के नवनिíमत अस्पताल भवन, ओल्ड एज होम, पंचायत, सरकारी स्कूलों, चुटूपालू घाटी के तलहटी पर अवस्थित राधा गोविद विश्वविद्यालय तथा संत फ्रांसिस स्कूल कांकेबार को क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। फिलहाल जिले के 166 क्वारंटाइन सेंटर में महज 350 लोग हैं। औसतन एक क्वारंटाइन सेंटर में दो से भी कम लोग हैं। इसलिए अभी शिकायतें भी कम है। वैसे भी जिले के सभी बड़े क्वारंटाइन सेंटर में उपायुक्त संदीप सिंह खुद मॉनिटरिग कर यहां की व्यवस्था को दुरूस्त कराने में लगे हैं। रामगढ़ कोर्ट के समीप स्थित नवनिíमत ओल्ड एज होम, राधा गोविद विश्वविद्यालय सहित सभी क्वारंटाइन सेंटरों में साफ-सफाई व भोजन की व्यवस्था ठीक है। ओल्ड एज होम में व्यवस्था इतनी दुरूस्त है कि बिना अनुमति अंदर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। प्रवासी मजदूरों को आने का सिलसिला शुरू होने के बाद जिला प्रशासन ने राधा गोविद विश्वविद्यालय में प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन में रखकर सभी तरह की सुविधा बहाल करने की व्यवस्था की है। यहां फिलहाल 136 प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया है। शनिवार को यहां की व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए जागरण टीम पहुंची तो देखा गया कि मजदूरों को रहने के लिए व्यवस्थित तरीके से बेड लगाया गया है। नगर परिषद के कर्मी पूरे परिसर को सैनिटाइज कर रहे हैं। क्वारंटाइन सेंटर के नोडल पदाधिकारी डॉ. ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधाएं बेहतर है। शौचालय, बिजली, पानी, बेड, भोजन की कोई परेशानी नहीं है। सुबह-शाम से सोडियम हाइपोक्लोराइड से सभी सेंटरों को सैनिटाइज किया जाता है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। मांडू प्रखंड के इचाकडीह पंचायत में विवाह भवन में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां महज पांच बेड की व्यवस्था है। इसमें दो प्रवासी को 12 मई से क्वारंटाइन किया गया है। सेंटर में दोनों प्रवासियों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है। मुखिया अपने घर से उन्हें खाना भेज रही हैं। बताया गया कि प्रवासियों के पहुंचने पर यहां बेड की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी।