बेंगलुरू से 5 घंटे विलंब से बरकाकाना पहुंची ट्रेन
बेंगलुरू से 1563 प्रवासी बुधवार को ट्रेन संख्या 06237 से बरकाकाना पहुंचे।
सूत्र, बरकाकाना : बेंगलुरू से 1563 प्रवासी बुधवार को ट्रेन संख्या 06237 से बरकाकाना पहुंचे। ट्रेन निर्धारित समय से पांच घंटे की देरी से दोपहर 2.40 बजे करकाकाना पहुंची। स्टेशन परिसर से सभी को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए बाहर पार्किंग तक लाया गया। जहां नाश्ता पैकेट, पानी, मास्क और सैनिटाइजर देकर बसों के माध्यम से गृह जिलों में भेजा गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी माइक पर श्रमिकों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश देते रहे। मौके पर रामगढ़ एसडीओ कृति श्री, एसडीपीओ पतरातु प्रकाशचंद्र महतो, डीटीओ केके राजहंस, पतरातु अंचलाधिकारी निर्भय कुमार, स्टेशन प्रबंधक पीके गांगुली, आरपीएफ एएसआई निरंजन कुमार, बरकाकाना ओपी प्रभारी हरनारायण साह, प्यारे हसन, अनिल हेंब्रम सहित कई स्वास्थ्यकर्मी और स्वच्छताकर्मी मौजूद थे।
ट्रेन में परेशानी झेल रहे हैं प्रवासी मजदूर
लगभग 48 घंटे के सफर और 42 डिग्री तापमान में यात्रियों को काफी परेशानियां हो रही हैं। ट्रेन खुलते समय हल्का फुल्का नाश्ता और पानी दिया जा रहा है। पूरे सफर के दौरान ट्रेन में भूख प्यास को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। प्रवासियों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी सफर कर रहे हैं। पूरा सफर परेशानी में गुजर रहा है। बोकारो निवासी मुगली कुमारी ने बताया कि भीषण गर्मी में कोई इंतजाम नहीं दिखा। लोग ट्रेन में बेसिन का गरम पानी पीने को मजबूर हैं। ट्रेन भी कहीं रूकी नहीं। इससे कही पानी भर सके और कुछ खा सकें।
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इन जिलों के प्रवासी रहे शामिल
विशेष ट्रेन से 24 जिलों के लोग पहुंचे। इसमें बोकारों के 177, चतरा के 28, देवघर के 151, धनबाद के 26, दुमका के 81, पूर्वी सिंहभूम के 92, गढ़वा के 126, गिरीडीह के 73, गोड्डा के 73, गुमला के 27, हजारीबाग के 46, जामताड़ा के 135, खूंटी के 33, कोडरमा के 34, लातेहार के 58, लोहरदगा के 28, पाकुड़ के 13, पलामु के 82, रामगढ़ के 45, रांची के 21, साहेबगंज के 62, सरायकेला के 29, सिमडेगा के 17, पश्चिम सिंहभूम के 179 श्रमिक शामिल थे।
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स्टाफ चेंज होने से समय पर असर: स्टेशन प्रबंधक
ट्रेनों के विलंब से पहुंचने पर स्टेशन प्रबंधक पीके गांगुली ने बताया कि लंबी दूरी के ट्रेन हैं। कई जगहों पर स्टाफ चेंज होते है। संक्रमण का भी ख्याल रखना है। इस वजह से ट्रेनें लेट हो रही हैं।