नहीं हुआ फसल बीमा का भुगतान, प्रीमियम भी अटकी
केतन आनंद मेदिनीनगर पलामू प्राकृतिक आपदा व अन्य कारणों से फसल नुकसान की भरपाई करने
केतन आनंद, मेदिनीनगर, पलामू : प्राकृतिक आपदा व अन्य कारणों से फसल नुकसान की भरपाई करने को लेकर वर्ष 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जिले के किसान उदासीन दिख रहे है। नतीजा है कि चालू वित्तीय वर्ष में फसल बीमा की अंतिम निर्धारित तिथि 31 जुलाई के एक दिन पहले तक सहकारिता विभाग को राज्य सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है। बता दे कि वर्ष 2017 में जिले में 77500 गैर ऋणी किसानों ने 49915 एकड़ भूमि पर खरीफ फसलों के लिए बीमा कराया था। इसके लिए बीमा कंपनी को 1.92 करोड़ रूपए बतौर प्रीमियम जमा भी कराए गए थे। इस वर्ष सूखा घोषित होने के बाद भी क्राप कटिग के आधार पर कुछ प्रखंडों में किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान कर खानापूर्ति की गई थी। वर्ष 2018 में 79 हजार किसानों ने 99544 एकड़ भूमि पर खरीफ की फसलों का बीमा कराया था। इसके लिए बीमा कंपनी को 4.4 करोड़ रूपए का प्रमियम का भुगतान भी कर दिया था। इस बीच तत्कालीन रघुवर सरकार के एक नीतिगत निर्णय के तहत राज्य के सभी किसानों का प्रीमियम का भुगतान करने की घोषणा कर दी गई। साथ ही बीमा कंपनियों को किसानों को प्रीमियम की राशि वापस करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया। शुरूआती दौर में कंपनी द्वारा कुछेक किसानों की राशि वापस कर दी गई थी। लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो अभी तक करीब 60 हजार किसानों का तीन करोड़ रूपए की प्रीमियम राशि बीमा कंपनी के पास अटका पड़ा। हालांकि सहकारिता विभाग द्वारा बीमा कंपनी को उक्त राशि किसानों को वापस लौटाने को लेकर स्मारित किया गया है। बावजूद इसके अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। अब वर्ष 2019 में सरकार ने सिर्फ एक रुपये की टोकन मनी पर किसानों के फसलों का बीमा करने का निर्णय लिया था। इससे प्रभावित होकर जिले के 82 हजार किसानों ने करीब 90 हजार एकड़ भूमि पर अपनी फसलों का बीमा करवाया था। यहां बताना आवश्यक है कि केंद्र सरकार के खरीफ फसलों के लिए गीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। लेकिन किसान केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के प्रति विमुख हो रहे है। बाक्स:
चालू वित्तीय वर्ष में गैर ऋणी किसानों के लिए फसल बीमा कराने का निर्देश अप्राप्त है। सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारण के बाद बीमा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विभाग द्वारा वर्ष 2018 में किसानों द्वारा जमा कराए गए प्रीमियम की राशि के वापसी के लिए बीमा कंपनी को स्मारित किया गया है। विभिन्न त्रृटियों के कारण इसमें विलंब हुआ है।
छोटेलाल प्रसाद , प्रभारी पदाधिकारी
जिला सहकारिता विभाग, पलामू बाक्स: क्या कहते है किसान
फोटो 30 डालपी 12
कैप्शन: किसान विजय सिह
वर्ष 2016 से लगातार खरीफ व रबी फसलों के लिए बीमा कराते आ रहे है। फसलों के नुकसान होने के बाद भी अभी तक किसी भी वर्ष का क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया गया है ओर ना ही प्रीमियम की राशि लौटाई गई है। इसे लेकर इस वर्ष बीमा कराने के प्रति संशय की स्थिति बन गई है।
विजय सिंह, ग्राम पचमो, हरिहरगंज फोटो 30 डालपी 13
कैप्शन: विनोद प्रसाद यादव, पोलदा, पीपरा
क्षेत्र में विगत कई वर्षों से कभी अनावृष्टि तो कभी अतिवृष्टि से जैसी प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसले बरबाद होते रही है। बावजूद इसके अभी तक बीमा कपंनी द्वारा क्षतिपूर्ति के नाम पर एक फूटी कौड़ी का भुगतान नहीं किया गया है। यहीं नहीं राज्य सरकार के घोषणा के बाद भी प्रीमियम की राशि वापस नहीं की गई है। इससे बीमा योजना के प्रति इस वर्ष उत्साहित नहीं हैं।
विनोद प्रसाद यादव, ग्राम पोलदा, प्रखंड, पीपरा
फोटो 30 डालपी 14
कैप्शन: मनोज पांडेय
वर्ष 2018 में फसल बीमा कराया गया था। प्रखंड में सूखा पड़ने की रिर्पोट के बाद भी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया गया है। प्रीमियम की राशि भी वापस नहीं हुई है।
मनोज पांडेय, ग्राम काराकाट, प्रखंड चैनपुर
फोटो 30 डालपी 15
कैप्शन महेंद्र चौरसिया
विगत चार वर्षों से फसल बीमा कराने के बाद भी एक रूपया भी क्षतिपूर्ति नहीं मिला है। प्रखंड कार्यालय से सिर्फ इंतजार करने का भरोसा दिलाया जाता है।
महेंद्र चौरसिया, ग्राम बुढ़ीवीर, प्रखंड चैनपुर