मानसून आते सताएगा डेंगू का खतरा, शहर में होगा टेमो फोर्स का छिड़काव
कार्यक्रम में शामिल छतरपुर के एमओआईसी डा राजेश अग्रवाल व अन्य।
मानसून आते सताएगा डेंगू का खतरा, शहर में होगा टेमो फोर्स का छिड़काव
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : मानसून आते मालेरिया व डेंगू का खतरा लोगों को सताने लगता है। इसे लेकर समय से पहले ही विभागीय स्तर पर तैयारियां जरूरी है। सोमवार को पलामू में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया। छतरपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मलेरिया विभाग के कर्मचारियों ने शपथ ली। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा राजेश अग्रवाल ने कर्मचारियों को डेंगू व चिकनगुनिया के बचाव व लक्षण की जानकारी दी। लोगों से किसी भी जगह जलजमाव नहीं करने का आग्रह किया। मच्छर से बचाव के लिए नियमित मच्छरदानी का उपयोग करने की बात कही गई। निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए पलामू को मलेरिया, चिकनगुनिया व मलेरिया से बचाने का संकल्प लिया गया। इसमें बीडीएम अमित कुमार, मलेरिया सुपरवाइजर धर्ममेंद्र कुमार, स्वास्थ्य प्रशिक्षक सुशील कुमार, एमपीडब्ल्यू विनोद कुमार, एएनएम आदि मौजूद थे। पलामू मलेरिया विभाग के वीबीडी सुनील कुमार ने बताया कि जून माह से शहर के नाली-नालों व अन्य जगहों पर टेमो फोर्स का लार्मी शायडल छिड़काव किया जाएगा। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में डीडीटी का छिड़कावा होगा। मकसद है कि मच्छर को पनपने से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि अपने आसपास कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें। बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तर से ढंक दें। कूलर के पानी को नियमित तौर पर बदलते रहे। घर के फर्श और आसपास को फिनाइल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहे। रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं। बारिश के दिन में हाथ और पैर ढंकने वाले कपड़े पहनें।
क्या कहते हैं जिला मलेरिया पदाधिकारी :
: जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. एमपी सिंह ने बताया कि बुखार को अक्सर लोग वायरल समझ लेते हैं। इससे कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। मलेरिया रोग मादा एनाफिलिज नामक मच्छर के काटने से होता है। इस रोग के शिकार होने से रोगी को कंपकंपी देकर बुखार आता है। कतई लापरवाही नहीं बरतें।