जिले में गर्मी की दस्तक के साथ छा जाता है पेयजल संकट
जाटी (पलामू) साल दर साल पलामू में पेयजल संकट विकराल होता जा रहा है। गर्मी के दस्तक देते
जाटी, (पलामू) : साल दर साल पलामू में पेयजल संकट विकराल होता जा रहा है। गर्मी के दस्तक देते ही पलामूवासियों को पानी की चिता सताने लगती है। कारण कि तेजी से जलस्तर पर नीचे जाने लगता है। हर वर्ष की तरह इस बार का भी है। शनिवार को पलामू का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा। चिलचिलाती धूप व गर्मी से इतर लोग प्यास बुझाने के लिए पानी के इंतजाम में लोग लगे। मेदिनीनगर नगर निगम के अलावा छतरपुर व हुसैनाबाद अनुमंडलीय मुख्यालय, हरिहरगंज नगरपंचायत मुख्यालय व विश्रामपुर नगर परिषद क्षेत्र का भी यही हाल है। पेयजल संकट से निपटने के लिए निगर निकायों के पास स्थाई समाधान नहीं है। जिले भर की अधिकांश लघु पेयजलापूर्ति योजनाओं का हाल बदहाल है। तेजी से नीचे जा रहे जलस्तर के कारण अधिकांश चापाकल हांफने लगे हैं। कई चापाकल सूख भी गए हैं। इतिहास गवाह है, मेदिनीनगर में पानी हमेशा बनता है मुद्दा :
: मेदिनीनगर शहर 1862 में बसा। 1889 में नगर निकाय का गठन हुआ। 2017 में मेदिनीनगर नगर निकाय नगर निगम में अपग्रेड किया गया। लेकिन अब तक मूलभूत सुविधाएं यहां के लोगों को मयस्सर नहीं है। मेदिनीनगर शहर का इतिहास गवाह है कि हमेशा यहां पानी मुद्दा बना है। मेदिनीनगर नगर निगम की आबादी 1.53 लाख के करीब है लेकिन करीब 3300 घरों के पास पानी का कनेक्शन है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने लोगों को पानी मिल रहा है। नगर निगम के कांदू क्षेत्र से शहर के दूसरे इलाकों को पानी भेजा जाता है। लेकिन कांदू मोहल्ला के लोग ही पेयजल संकट से दो-चार होते है। यहां कोयल नदी के तट पर पंपूकल है लेकिन मोहल्ला के अधिकांश इलाके में पाइपलाइन ही नहीं है। यहां के लोग पानी लाने के लिए चार बजे सुबह में ही दूसरे इलाके में जाते हैं। भट्ठी मोहल्ला व मुस्लिमनगर से लघु जलापूर्ति योजनाओं का संचालन होता था। लेकिन मामूली खराबी के कारण वर्षों से योजनाएं ठप हैं। नतीजा स्थानीय लोग पेयजल संकट से महरूम हैं। पहाड़ी मोहल्ला, राहत नगर, कुंड मुहल्ला के कुछ क्षेत्र के लोगों के अलावा शाह मुहल्ला व अन्य इलाकों के लोग लंबी दूरी तय कर पानी की पानी का इंतजाम करते हैं।