दो दिन बाद चीनी, तेल व अन्य खाद्य पदार्थों का स्टाक हो जाएगा खत्म
दो दिन बाद स्टाक हो जाएगा खत्म
दो दिन बाद चीनी, तेल व अन्य खाद्य पदार्थों का स्टाक हो जाएगा खत्म
दो प्रतिशत कृषि उपज टैक्स के विरोध में जारी है व्यवसायियों का आंदोलन
विधेयक को खारिज किए जाने तक पीछे हटने को तैयार नहीं है व्यवसायी
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : झारखंड सरकार द्वारा कृषि उपज पर दो प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स के प्रस्ताव को भले ही राजभवन द्वारा लौटा दिया गया हो, लेकिन इसके विरोध में व्यवसायियों का आंदोलन जारी है। अब इनके द्वारा दूसरे राज्यों से आटा, चावल, दाल, चीनी, रिफाइन, वनस्पति, तेल व अन्य खाद्य पदार्थों के आवक पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इनका कहना है कि कृषि उपज टैक्स को पूरी तरह से खारिज किए जाने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इधर, बाजार समिति परिसर में पंचायती चुनावों के कौलाहल के बीच आढ़तियों के दुकानों में सन्नाटा छाने लगा है। इनकी माने तो किसी तरह 21 मई तक ही जिले वासियों को खाद्यान, खाद्य तेल व अन्य सामग्री उपलब्ध हो सकती है। इसके बाद से बाजार समिति में स्टाक समाप्त हो जाएगा। इसका सीधा असर जिले के आम उपभोक्ताओं पर पड़ने लगेगा। बाजार समिति से कार्य कर रहे व्यवसायी बताते है कि राज्य सरकार इस तरह टैक्स में बढ़ोतरी कर अफसरशाही को बढ़ावा दे रही है। इससे सरकार को तो अपेक्षाकृत लाभ नहीं होगा, बल्कि अधिकारियों की जेब भरेंगे। वहीं इसका खामियाजा यहां के लोगों सहित व्यवसायियों को भुगतना पड़ेगा।
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कृषि उपज संबंधित विधेयक को राजभवन से तीसरी बार वापस किया गया है। यह इस जवलंत मसले को स्थायी समाधान नहीं है। अब अगर चौथी बार विधेयक को राजभवन भेजा जाता है तो यह संवैधानिक विषय हो सकता है। विधेयक को पूरी तरह खारिज किए जाने तक व्यवसायियों का आंदोलन जारी रहेगा।
प्रभात कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, पलामू जिला व्यवसायी संघ