Move to Jagran APP

आत्महत्या मामले की सीबीआइ या उच्चस्तरीय जांच हो : सासंद

लालजी यादव के पास थी औरंगाबाद के व्यवसायी के अपहरण व हत्या की पूरी जानकारी घटना को

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 05:47 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 05:47 PM (IST)
आत्महत्या मामले की सीबीआइ या उच्चस्तरीय जांच हो : सासंद
आत्महत्या मामले की सीबीआइ या उच्चस्तरीय जांच हो : सासंद

लालजी यादव के पास थी औरंगाबाद के व्यवसायी के अपहरण व हत्या की पूरी जानकारी

loksabha election banner

घटना को बताया राज्य में व्याप्त भ्रष्ट्राचार की परिणति फोटो 12 डालपी 18

कैप्शन: पलामू सांसद विष्णुदयाल राम

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने नावाबाजार थाना परिसर में निलंबित किए गए थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने इस घटना की सीबीआइ या उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। बुधवार को जारी प्रेस बयान में सांसद विष्णुदयाल ने इस घटना को राज्य की चरमराती विधि- व्यवस्था, भ्रष्टाचार, उग्रवादी गतिविधियों, अवैध उत्खनन, अवैध बालू के उठाव, ट्रांसफर-पोस्टिग में बोली लगाने के कारणों की परिणति बताया। कहा है कि आमलोगों में यह चर्चा का विषय है कि थानों में ट्रांसफर- पोस्टिग में वरीयता व अनुभव तथा दक्षता का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। वरीय पदाधिकारियों को कनीय पदाधिकारियों के मातहत कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। स्थापित नियमों की अवहेलना कर पदाधिकारियों का बिना कार्यावधि पूरा किए हुए स्वार्थवश एक साल के अंतर्गत दो-दो, तीन-तीन जगहों पर स्थानांतरित व पदस्थापित कर दिया जा रहा है। बताया कि लालजी यादव के कार्यकाल के दौरान ही नावाबाजार थाना क्षेत्र के 25 मई 2021 को कंडा घाटी में एनएच 98 पर औरंगाबाद बिहार के महावीर प्रसाद के माता-पिता उनका ड्राइवर छत्तीसगढ़ से वापस वाहन से लौट रहे थे। इस दौरान पिता व ड्राइवर का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने उनको छोड़ने के लिए पहले 60 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। बाद में यह राशि 10 लाख रुपए तय हुई थी। 9 जून 2021 को रात में 9 बजे एएसपी श्री के. विजय शंकर, डीएसपी सुरजीत कुमार, नावा बाजार थाना प्रभारी लालजी यादव व चैनपुर थाना की पुलिस के साथ परिवार के लोग अपहरणकर्ताओं को पैसे देने गए। उम्मीद तो यह थी कि अपहरण किए गए लोगों को छुड़ाकर अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अपहरणकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में 10 लाख रुपए ले लिया और अपहृत व्यक्तियों को भी नहीं छोड़ा, जबकि परिवारवाले पुलिस से गुहार लगाने के बाद भी बिचौलियों को को भी नहीं पकड़ा। आत्महत्या की घटना के पूर्व लालजी कई पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए सुने गए थे कि वे मुंह खोल देंगे तो बड़े-बड़े पदाधिकारियों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.