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निजी अस्पतालों व क्लीनिकों का निबंधन जरूरी

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By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:41 PM (IST)
निजी अस्पतालों व क्लीनिकों का निबंधन जरूरी
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क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

फोटो : 29 डालपी 10

कैप्शन : मेदिनीनगर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यशाला में मौजूद दायें सीएस डा अनिल सिंह। संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू ) : क्लीनिक स्टेब्लिशमेंट एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रावधान व मापदंड तय किए गए हैं। बिना पंजीयन व नियमों को ताक पर रखकर स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन करने वालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग नकेल कसेगा। उक्त बातें पलामू के सिविल सर्जन डा अनिल कुमार सिंह ने कही। वे सोमवार को सीएस कार्यालय सभागार में एक्ट को प्रभावी बनाने को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। सिविल सर्जन डा अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी व निजी क्षेत्रों में चलने वाले अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, क्लीनिक, लैब,आदि को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में आनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक है। एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रावधान व मापदंड तय किए गए है। एक्ट के मापदंडों की उलंघन पाए जाने पर 5 हजार से 5 लाख तक जुर्माने से लेकर पंजीकरण रद्द करने तक का प्रावधान है। क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नेचुरोपैथी व योगा चिकित्सा पद्धति से संबंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक एवं लेबोरेट्री (जांच केंद्र) को पंजीकरण करना अनिवार्य है। सीएस ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोना से बचाव के उपायों का पूरा ख्याल रखें। कार्यक्रम में हुसैनाबाद के अनुमंडलीय चिकित्सा पदाधिकारी डा रत्नेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मनातू डा डीके सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी लेस्लीगंज डा राजीव कुमार सहित निजी अस्पताल संचालक उपस्थित थे। बाक्स..नए वेरिएंट से सावधान रहने की जरूरत : सीएस

मेदिनीनगर : सिविल सर्जन डा अनिल कुमार सिंह ने सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्यकर्ताओं से कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से सचेत रहने की जरूरत है। कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करें और टीका लें। सभी निजी अस्पताल संचालक भी टीकाकरण का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें और आमलोगों को भी टीका लेने के लिए प्रेरित करें। अपने स्वजन और आस पड़ोस में भी टीका से वंचित रह गए लोगों को टीकाकरण कराने पर बल दें। निजी अस्पताल संचालकों से सीएस ने आयुष्मान भारत के ईमानदारीपूर्वक इलाज करने की हिदायत दी ताकि गरीबों को इसका वाजिब हक मिले।


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