Move to Jagran APP

स्टोन चिप्स के वाहनों में छुपा कर बिहार भेजते थे स्प्रीट

लीड के साथ तस्करों ने तस्करी के लिए किया था नए तरीके का इलाज दो नया हाइवा खरीदने की थी

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:59 PM (IST)
स्टोन चिप्स के वाहनों में छुपा कर बिहार भेजते थे स्प्रीट
स्टोन चिप्स के वाहनों में छुपा कर बिहार भेजते थे स्प्रीट

लीड के साथ

loksabha election banner

तस्करों ने तस्करी के लिए किया था नए तरीके का इलाज

दो नया हाइवा खरीदने की थी योजना, पुलिस ने दबोचा संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : सदर थाना के सिेगरा से धराए अंतरराज्यीय शराब तस्कर गिरोह के सदस्य स्प्रीट को बिहार भेजने के लिए नया तरीका इजाद कर रखा था। अपराधी हाइवा में पहले स्प्रीट के ड्राम रख देते थे। बाद इसकी ऊपर स्टोन चिप्स लाद दिया जाता था। बिहार जाने के मार्ग में जांच होने पर इनके द्वारा खनन विभाग द्वारा निर्गत चालान भी मौजूद रहता था। सदर एसडीपीओ सह एएसपी के. विजय शंकर ने बताया कि सभी आरोपित युवा है। इनकी औसत उम्र तीस वर्ष है। पलामू से ही स्प्रीट खरीद कर बिहार भेजा जाता था। बरामद 9.30 लाख से भी स्प्रीट खरीदने की योजना थी। इसके दो पार्टियां काम करती थी। पहली पार्टी इन आरोपितों को स्प्रीट उपलब्ध कराती व इसे औरंगाबाद में दूसरी पार्टी को सौंप दिया जाता। इस बीच आरोपित स्काट कर अपने फार्चुनर वाहनों से स्प्रीट लदे हाइवा को बिहार तक पहुंचाने का काम करते थे। इन्हें औरंगाबाद विजय सिंह तक स्प्रीट को पहुंचाना होता था। अपने इस कारोबार में तेजी लाने के लिए आरोपितों ने दो नया हाइवा खरीदने की योजना बना रखी थी। लेकिन इसके पहले पलामू पुलिस की टीम के हत्थे चढ़ गए। इस संबंध में पलामू पुलिस बिहार के औरंगाबाद पुलिस के संपर्क में है। बाक्स: बिहार पहुंचने पर 80 लाख हो जाती 40 लाख की स्प्रीट की कीमत मेदिनीनगर : पलामू के सिगरा से बरामद 40 लाख रुपये मूल्य की 10 हजार लीटर स्प्रीट की कीमत बिहार पहुंचकर 80 लाख रुपये हो जाती। जानकारी के अनुसार बरामद कच्चे स्प्रीट से बिहार के किसी जगह पर नकली अंग्रेजी शराब बनाने का काम किया जाता था। बाद में इसे विभिन्न ब्रांडों के शीशी व बोतलों में भर कर बिहार के अंदर ही बेच दिया जाता था। पुलिस के अनुसार संगठित रूप से स्प्रीट को बिहार भेजने का काम किया जा रहा था। इसमें एक ग्रुप जिले के अंदर से स्प्रीट को खरीदकर डंपिग प्वाइट तक पहुंचाने का काम करता, वहीं दूसरे ग्रुप को इसे बिहार तक पहुंचाने की

जिम्मेवारी थी। स्प्रीट खरीदने के लिए सरकार से लेना पड़ता है लाइसेंस मेदिनीनगर: पलामू पुलिस द्वारा शनिवार को बरामद 10 हजार लीटर स्प्रीट प्रतिबंधित श्रेणी में आता है। इसके खरीद बिक्र की के लिए सरकार से लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। एएसपी के. विजय शंकर ने बताया कि पुलिस स्प्रीट खरीदने के सोर्स की जानकारी लेगी। बाक्स: टीम में शामिल अधिकारी

एएसपी के. विजय शंकर, शहर थाना प्रभारी अरूण कुमार महथा, सदर थाना प्रभारी कमलेश कुमार, अमित कुमार सिंह, सौरव कुमार सहित सशस्त्र बल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.