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अमिताभ बच्‍चन भी हो गए इनकी हाजिरजवाबी के कायल, पलामू की बेटी दीप ज्योति ने KBC 2019 में जीते 25 लाख; पढ़ें रोचक स्‍टोरी

Kaun Banega Crorepati 2019. दीप ज्योति के संघर्ष की कहानी सुन भावुक हुए अमिताभ ने उसकी सराहना की। उसने 14वें पड़ाव पर 50 लाख के सवाल पर गेम क्विट करने का निर्णय लिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 09:07 PM (IST)
अमिताभ बच्‍चन भी हो गए इनकी हाजिरजवाबी के कायल, पलामू की बेटी दीप ज्योति ने KBC 2019 में जीते 25 लाख; पढ़ें रोचक स्‍टोरी
अमिताभ बच्‍चन भी हो गए इनकी हाजिरजवाबी के कायल, पलामू की बेटी दीप ज्योति ने KBC 2019 में जीते 25 लाख; पढ़ें रोचक स्‍टोरी

मेदिनीनगर (पलामू), [तौहीद रब्बानी]। Kaun Banega Crorepati 2019 मशहूर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में पलामू की बेटी दीप ज्योति ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए 25 लाख रुपये जीते हैं। गरीबी और विपित्तियों से जूझकर आगे बढ़ी दीपज्योति अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देती है। केबीसी में रकम जीतने के बाद वह काफी खुश है। वह बताती है कि अब तकदीर ने साथ देना शुरू किया है। उसके बेहतर दिन लौट रहे हैं। इन पैसों से उसकी और उसके परिवार की तकलीफें कम होंगी। 20 साल की दीपज्योति पलामू के जीएलए कॉलेज में बीएससी की छात्रा है।

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बुधवार को दीप ज्योति ने जागरण से बातचीत में बताया कि गेम शो के दौरान चौथे, नौवें, 11वें व 13वें पड़ाव पर उसके चारों लाइफ लाइन खत्म हो गए थे। 14वें पड़ाव 50 लाख रुपये के सवाल पर वह क्विट कर गई, क्योंकि इसके बाद वह नीचे आकर 3.20 लाख पर अपना गेम समाप्त करने का जोखिम नहीं लेना चाहती थी। आखिरी सवाल का सही जवाब उसके पास नहीं था। इसलिए उसे संतोष है कि क्विट कर उसने सही फैसला लिया।

दृढ़ इच्छाशक्ति से ज्योति ने आंधियों में भी जलाए रखा चिराग

आर्थिक तंगी के बावजूद मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ रही मेदिनीनगर डालटनगंज शहर के कन्नी राम चौक के निकट सब्जी बाजार क्षेत्र निवासी दीप ज्योति का जोश, उत्साह, जज्बा और आत्मबल देख महानायक अमिताभ बच्चन भी उससे प्रभावित हुए। उन्होंने शो के दौरान ज्योति की तारीफ की। दीप ज्योति ने बताया कि उसका जीवन विपत्तियों और मुश्किलों से भरा रहा है। उसके पिता विजय कुमार व्यवसायी थे। कुछ साल पहले उसके पिता अचानक लापता हो गए। कहां गए, अबतक पता नहीं। बिना अभिभावक के परिवार किसी तरह लडख़ड़ा कर चल रहा था। इसी बीच उसके बड़े भाई की हत्या हो गई। फिर वह, उसकी बड़ी बहन और मां बेसहारा हो गए।

आर्थिक तंगी ने उसके परिवार को जकड़ लिया। मां गीता देवी और मामा बैजनाथ प्रसाद गुप्ता ने उसकी व बड़ी बहन की किसी तरह परवरिश की। अपनी मां के हौसले की तारीफ करती हुई दीपज्योति ने कहा कि मां विकट परिस्थितियों में भी मजबूती के साथ डटी रहीं और पूरे परिवार को हिम्मत के साथ संभाला। कदम-कदम पर हमसबों का भी हौसला बढ़ाया। इसके बाद हम सबने मिलकर यह साबित किया कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो आंधियों में भी चिराग जलते हैं।

एक बार फास्टेस्ट फिंगर फस्र्ट में पिछड़ गई थी, दोबारा मिला मौका

18 सितंबर को मां, बहन व मामा के साथ पटना से हवाई जहाज से मुंबई पहुंची। वहां सोनी टीवी वालों ने रिसीव करके एक होटल में ठहराया। 19 सितंबर को गोरे गांव में शूटिंग हुई। फॉस्टेस्ट फिंगर वर्क में सेलेक्ट नहीं हो सकी। फोन आने पर 27 सितंबर को फ्लाइट से दोबारा मुंबई पहुंची। वहां 28 सितंबर को फास्टेस्ट फिंगर में सेलेक्ट हो गई। इसके बाद केबीसी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के समक्ष हॉट सीट पर बैठी।


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