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Lok Sabha Polls 2019: नहर का अतिक्रमण कर बनाया भवन, खेतों को नहीं मिल रहा पानी

Lok Sabha Polls 2019. कभी ताली गांव से होकर बहने वाली नहर की वजह से आसपास के दर्जनों गांवों में खेती होती थी। अब उन खेतों में पानी नहीं दिख रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 01:15 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: नहर का अतिक्रमण कर बनाया भवन, खेतों को नहीं मिल रहा पानी
Lok Sabha Polls 2019: नहर का अतिक्रमण कर बनाया भवन, खेतों को नहीं मिल रहा पानी

विश्रामपुर (पलामू), [रघुवीर]। हर खेत को पानी हर हाथ को काम, यही चुनावी नारा लोकसभा व विधानसभा में प्रत्याशी देते रहे हैं। कभी ताली गांव से होकर बहने वाली नहर की वजह से आसपास के दर्जनों गांवों में खेती होती थी। खेतों में फसल लहलहाती थी। अब उन खेतों में पानी नहीं दिख रहा है। नहर कंडा के ताली गांव से निकली है। ऐसे में देखरेख के अभाव में यह नहर बदहाल अवस्था में है।

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सफाई नहीं होने से नहर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। स्थानीय लोगों ने नहर की भूमि का अतिक्रमण कर भवन का निर्माण करा लिया है। कई तो उसे समतल जमीन बनाकर खेती तक करने लगे हैं। नहर में कई जगह कूड़ा पड़ा रहता है। बारिश के दौरान इसमें जमा मलबा दुर्गंध देता है। मालूम हो कि इस नहर में पानी की आपूर्ति बंद हुए लगभग दस वर्ष हो गए।

नावाबाजार प्रखंड के ताली गांव से निकलकर नहर आसपास के दर्जनों गांवों को आबाद करती थी। पशुओं के लिए यह पानी अमृत के समान था। नहर की सफाई नहीं होने से नहर की सतह सड़क के बराबर आ गई है। हालांकि अभी भी सफाई कर इस नहर को अस्तित्व में लाया जा सकता है। ताली डैम से निकलकर बाना की ओर से आने वाले पानी को भी महज सफाई का इंतजार है। यह क्षेत्र सिंचाई विभाग के अधीन है।

ताली में इस नहर की लंबाई चार किलोमीटर की होगी। नहर की सफाई हो जाए तो डैम से पानी खुद से आने लगेगा। पहले पानी नियमित आता था। इससे कई गांवों में खेती होती थी। पानी आने से आसपास गांवों के सैकड़ों एकड़ खेत आबाद हो जाएंगे। -युगेश्वर महतो, किसान, खोखमा, नावाबाजार, पलामू।

ताली डैम क्षेत्र में कृषि के लिए वरदान साबित हो रहा था। विभागीय लापरवाही के कारण बंद कर दिया गया। इन दिनों बरसाती पानी पर कृषि आधारित है। पानी के अभाव में फसल बर्बाद होती रहती है। सक्षम लोग सिंचाई की व्यवस्था कर खेत पटवन करते हैं। -कृष्ण कुमार यादव, पतरिया, नावाबाजार, पलामू।

क्षेत्र के लिए कभी लाइफ लाइन मानी जाने वाली इस नहर का अस्तित्व खतरे में है। नहर का जगह-जगह पर अतिक्रमण कर लिया गया है। उसे हटाए बिना सिंचाई के लिए पानी लाना संभव नहीं। नहर में चारों ओर कचरा भरा पड़ा है। -राम गोविंद यादव, पूर्व मुखिया, रबदा, नावाबाजार, पलामू।

नहर का अस्तित्व मिटता जा रहा है। इस कारण ताली डैम का पानी बेकार बह रहा है। समुचित व्यवस्था बनाकर एक बार फिर आसपास के गांव में सिंचाई की जा सकती है। -गोपाल सिंह, बाना, नावाबाजार, पलामू।

ताली डैम का जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए। नहर के प्रति विभाग की मंशा ठीक नहीं दिख रही है। नहर का अतिक्रमण कर उस पर विशाल भवन का निर्माण व समतलीकरण कर कृषि कार्य किए जा रहे हैं। ऐसे में डैम के जीर्णोद्धार पर करोड़ों खर्च करने का मतलब ही नहीं रह गया। सबसे पहले नहर की सफाई कराई जाए। -लक्ष्मण राम, किसान, पतरिया, नावाबाजार, पलामू।

कभी यह क्षेत्र नहर के कारण कृषि में समृद्ध हुआ करती थी। छोटे-बड़े सभी किसान लाभान्वित होते थे। पिछले 10 वर्षों से नहर से क्षेत्र को पानी नहीं मिल रहा है। नहर का जगह-जगह अतिक्रमण कर लिया गया। पानी खेतों तक नहीं पहुंच रही है। इस मुद्दे पर जिला प्रशासन व विभाग गंभीर हो तो किसान हित में कार्य हो सकेगा। -गोविंद सिंह, रबदा, नावाबाजार, पलामू।

पिछले 10 वर्षों से नहर से पानी नहीं मिल रहा है। नहर मृतप्राय: हो गई है। चारों ओर क्षेत्र का अतिक्रमण कर लिया गया है। नहर की जमीन पर विशाल भवन बना लिए गए हैं। विभाग इससे अनभिज्ञ है। -राम नरेश सिंह, पतरिया, नावाबाजार, पलामू।

नावाबाजार का ताली डैम कभी सिंचाई के क्षेत्र में वरदान साबित हुआ करता था। नहर के पानी से ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों एकड़ भूमि में पटवन होता था। अतिक्रमण से नहर का अस्तित्व खतरे में है। नहर पर जगह-जगह अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करा लिया गया है। ऐसे में नहर से खेतों में पानी पहुंचना संभव नहीं। प्रशासन इसे गंभीरता से ले। -अनूज राम, जिप सदस्य, नावाबाजार, पलामू।


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