घूमते घृमते परेशानों ही, जितबई की न, का ठेकान हई
हुसैनाबाद : नगर पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याश काफी रेस हो गए हैं। अब चुनाव का मात्र आठ दि
हुसैनाबाद : नगर पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याश काफी रेस हो गए हैं। अब चुनाव का मात्र आठ दिन ही शेष बच गया है। प्रत्याशी वोटर को कई तरह के प्रलोभन देकर लुभाने के प्रयास में जुटे हैं। ¨कतु वोटर भी किसी से कम नहीं दिख रहे हैं। यही मौका है कि प्रत्याशियों को भी झुकने पर मजबूर करें। भोंपू का शोर अब नगर पंचायत के हर वार्ड व गलियों में गूंजने लगा है। चुनावी चर्चा से गुलजार करने वाले भईवन अब शहर के मध्य भाग्य में भी पहुंचने लगे हैं। उन्हें हर तरह की चांदी कट रही है। मौका है प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान दरवाजे तक पहुंचने का। इन सब के बावजूद चुनाव में मजबूरी चहुंओर पीछे लगी हुई है। चुनाव में पहले से ताल ठोंक रहे भईवन को सीट एसटी, एससी के लिए आरक्षित होने के कारण मन ठोस हो गया। बेचारे मजबूरी में अब निराश होकर कंडीडेटवन के मन टटोले में जुट गए हैं। ड्योढ़ी से कभी बाहर नहीं निकलने वाली कई महिला भी इस चुनाव प्रचार में खड़ा होकर अपने पक्ष में वोट मांगने को विवश हैं। क्योंकि कई के पतिदेव ने जबरन चुनाव मैदान में खड़ा किया है। किसी की पत्नी, तो किसी की मां अथवा भाभी, ¨कतु सब मजबूरी में ही हो रहा है। अब चुनाव में खड़ा होने वाली आधी आबादी की मजबूरी भी कुछ कम नहीं है। एक तो बेचारी घर के दहलीज से पहली बार ऐसे काम को लेकर बाहर निकली। इस पर नामांकन के दौरान लाइन लगने की मजबूरी सतायी थी। हाय रे, नियम-कायदा, कितना मजबूर कर दिया है। ऐसी ही इस बार के नगर निकाय चुनाव में पत्नी को खड़ा करने की मजबूरी आ गई। घर में नानुक्कुर के बात पत्नी तैयार हो गई। बावजूद प्रत्याशियों के प्रचार में दौड़कर वोट मांगने की मजबूरी से पारा गरम होता जा रहा है। दरवाजा-दरवाजा घूमते घूमते परेशन हुए प्रत्याशी ने कहा कही जीततबई कि न, का ठेकान हई। इसपर प्रचार में लगी कई अन्य महिलाओं ने चुस्की ली। कहा अभी कहां इ त अभी तो मतदान में आठ दिन बकिये है।