अप्रशिक्षित पारा शिक्षक को हटाने का विरोध
पलामू में अप्रशिक्षित पारा शिक्षक को हटाया जाने का संघ पुरजोर विरोध करता है इस मुद्दे पर सूबे के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास एवं उनके सी एम के आप्त सचिव सुनील बरनवाल जी से बात हुई थी।
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर : अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त किए जाने का पारा शिक्षक संघों ने विरोध किया है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि इस मुद्दे पर सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास व मुख्यमंत्री के आप्त सचिव सुनील बर्णवाल से बात हुई थी। बावजूद अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों का मुद्दा हल नहीं हो सका। सरकार ने कहा था कि 31 मार्च 2020 तक का समय दिया जाएगा। बावजूद इसके पत्र निर्गत नहीं किया गया। अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को हटाए जाने पर मोर्चा चुप नहीं बैठेगा। इसका गुस्सा 30 नवंबर को दिखेगा। ऐसी सरकार हमें नहीं चाहिए जो शिक्षाहित, समाजहित, राज्य हित, राष्ट्रहित में काम नहीं करती हो। झारखंड के पारा शिक्षक व आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, रसोईया सभी संघ मिलकर झारखंड से इस सरकार को खदेड़ देंगे। पारा शिक्षक संघ के प्रद्युम्न कुमार सिंह उर्फ सिटू सिंह ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार ऐसी होती है तो पारा शिक्षकों को यह सरकार नहीं चाहिए। अप्रशिक्षित साथियों की सेवा समाप्ति का फरमान जारी करना महंगा पड़ेगा। अप्रशिक्षित साथियों से अपील है कि वे सरकार के इस कदम से हताश नहीं हों। तत्काल इस लड़ाई को न्यायालय में लड़ेंगे। इसके बाद सड़क पर विरोध प्रदर्शन होगा। अभी एकजुट होने की जरूरत है। मालूम हो कि पलामू के 300 से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है।