मानव दिवस सृजन में फिसड्डी हैं 10 प्रखंडों के 50 पंचायत
केतन आनंद मेदिनीनगर (पलामू) प्रवासी मजदूरों को महात्मा गांधी मनरेगा से उनके घर में ही
केतन आनंद , मेदिनीनगर (पलामू) : प्रवासी मजदूरों को महात्मा गांधी मनरेगा से उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने की जिला प्रशासन की कवायद गति नहीं पकड़ रही है। स्थिति यह है कि जिले के 10 प्रखंडों के 50 पंचायतों को सबसे कम मानव दिवस सृजन करने के लिए चिन्हित किया गया है। इस खराब उपलब्धि को लेकर उक्त सभी पंचायत के पंचायत सेवक व रोजगार सेवकों से स्प्ष्टीकरण भी तलब किया गया था। वावजूद इसके इन पंचायतों में अपेक्षाकृत बेहतर प्रगति दर्ज नहीं हो रही है। मनरेगा कोषांग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 21 प्रखंडों में 22 लाख 57 हजार 964 मानव दिवस सृजन करा लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध 10 लाख दो हजार 575 दिवस सृजन हो सका है। इसमें सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में विश्रामपुर प्रखंड में एक व चैनपुर प्रखंड के पांच पंचायते शामिल है। इसी तरह छतरपुर में 12 पंचायत, सदर व हैदरनगर की चार-चार, हरिहरगंज में दो, हुसैनाबाद में छह, लेस्लीगंज व मोहम्मदगंज में एक-एक, पांकी में सात, पाटन व सतबरवा में तीन-तीन पंचायतों को खराब प्रदर्शन करने को लेकर चिन्हित किया गया है। डीआरडीए के नोडल अधिकारी दीपक कुमार बताते है कि डिमांड के अनुसार मजदूरों को उनके गांवों में ही काम उपलब्ध कराया जा रहा है। दीदी बाड़ी व बिरसा हरित योजना इसमें काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। इन कार्यों की नियमित निगरानी प्रखंडों में नियुक्त वरीय पदाधिकारी करते है। इनके द्वारा प्रतिदिन कार्यों की प्रगति व अनुश्रवण किया जाता है। कम उपलब्धि वाले पंचायतों को बेहतर करने केलिए आवश्यक निर्देश दिए जाते है। बाक्स:
जिले में मनरेगा के तहत डिमांड के अनुसार उसी टोला में काम उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यरत मजदूरों को मस्टर रोल के अनुसार भुगतान कराया जाता है। काम की कोई कमी नहीं है। प्रवासी मजदूरों को उनके मांग के अनुसार काम उपलब्ध कराया जा रहा है। शेखर जमुआर, उप विकास आयुक्त, पलामू