बंगाल से 400 किमी. पैदल चलकर गांव लौटे 8 मजदूर
पलामू में थाना प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों डंडई गांव के सूचित राम धर्मेंद्र चंद्रवंशी संजय चंद्रवंशी सुनील चंद्रवंशी धनंजय चंद्रवंशी भवनाथपुर के नंदलाल विश्वकर्मा दुद्धी उत्तर प्रदेश के नीरज कुमार व राकेश रवानी शामिल हैं। उन्हें फिलहाल क्वारेंटाईन सेंटर में रखा जाएगा।
संवाद सूत्र, हैदरनगर, : कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन के दौरान 8 मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर पर रोका गया। इन्हें यहीं रखा जाएगा। उन्हें चिकित्सकीय जांच कराया गया। भोजन की सुविधा देकर मानवता की अनुकरणीय पहल की गई। हैंड फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के प्रखंड अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह व स्थानीय पत्रकार जयनंदन पांडेय ने बताया कि वे लोग रविवार की सुबह 5 बजे एक जरूरी कार्य से हैदरनगर रेलवे स्टेशन के पास गए थे। इसी दौरान उन्होंने जपला की ओर से मुख्य पथ पर पंक्ति में 8 लोग पैदल चलते आते देखे। नजदीक पहुंचते ही मजदूरों ने बेबसी प्रकट की। कहा कि तीन दिन से भोजन नहीं किया है। मजदूरों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में सभी ठेका मजदूरी करते थे। लॉक डाउन की घोषणा हो गई। ठेकेदार ने उन्हें काम से हटा दिया। बेबस होकर उन्होंने पैदल ही एक दिन में 80-90 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए यहां पहुंचे हैं। डीलर संघ के अध्यक्ष व स्थानीय पत्रकार ने मानवता का परिचय देते हुए मजदूरों को तत्काल पूर्वी पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर में रखा। बाजार क्षेत्र से लाकर पानी बोतल, मिठाई व चाय उपलब्ध कराई। इसकी तत्काल सूचना हुसैनाबाद एसडीओ कुंदन कुमार व एसडीपीओ विजय कुमार को दी। इन पदाधिकारियों ने पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार को भेजकर चिकित्सकीय जांच कराई। मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र में इन मजदूरों को भरपेट भोजन कराया गया। डा अशोक कुमार ने बताया कि सभी मजदूर छठे दिन यहां पहुंचे हैं। अमूमन 6 दिनों में कोरोना के संक्रमण के लक्षण प्रकट होते हैं। इन मजदूरों में अभी ऐसा कोई लक्षण नहीं दिखा है। जरूरी दवाएं दे दी गई है। उन्हें आराम की सलाह दी गई है। थाना प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों डंडई गांव के सूचित राम, धर्मेंद्र चंद्रवंशी, संजय चंद्रवंशी, सुनील चंद्रवंशी धनंजय चंद्रवंशी भवनाथपुर के नंदलाल विश्वकर्मा, दुद्धी उत्तर प्रदेश के नीरज कुमार व राकेश रवानी शामिल हैं। उन्हें फिलहाल क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। मजदूरों ने कहा कि अब तो बंदिश में है। प्रशासनिक सहयोग मिला तो वे जल्दी घर पहुंचना चाहेंगे। इजाजत मिला तो पैदल ही चल पड़ेंगे।