कोरोनारोधी दवा व टीकों का पेटेंट किसी को न दे डब्ल्यूटीओ
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संवाद सहयोगी, पाकुड़ : वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए घोषित प्रावधानों तहत विश्व व्यापार संगठन किसी भी दवा व टीका निर्माता तथा कंपनियों को किसी भी कीमत पर पेटेंट न दे। ताकि विश्व के करोड़ों गरीबों के प्राणों की रक्षा हो सके। यह बातें मंगलवार को स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाईयां अभियान के अभियान प्रमुख दिगेश त्रिवेदी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक दवा व टीका निर्माता तथा कंपनियां अधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए पेटेंट की आड़ लेकर इनके पर्याप्त उत्पादन को बाधित कर रही है। फलस्वरूप कोविड-19 जैसी महामारी की चपेट में आकर विश्व की अधिकतर आबादी तड़प रही है। जबकि जीवन का अधिकार मानव का सार्वभौम मौलिक अधिकार है। ऐसे में जीवन रक्षक दवाओं व टीकों का पेटेंट अधिकार विश्व मानवता को खतरे में डालने से अलग कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि अमेरिका, इजरायल सरीखे विश्व के छह विकसित देशों ने अपने यहां की संपूर्ण वयस्क आबादी का टीकाकरण पूरा कर लिया है। फलस्वरूप वैसे देशों में कोरोना का प्रसार रुक गया है। लेकिन भारत सहित विश्व की 600 करोड़ वयस्क आबादी का टीकाकरण अविलंब करना जरूरी है। करमाटांड़ पंचायत े लोगों ने लगावाया टीका
संवाद सूत्र,लिट्टीपाड़ा(पाकुड़): प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सत्येंद्र के प्रयास से करमाटांड़ पंचायत में मंगलवार को 40 लोगों को कोरोना टीका लगाया गया। एमओ ने दर्जनों गांव के लोगों के साथ छोटा सूरजबेडा गांव में बैठक कर कोरोना टीका से होने वाले लाभ की जानकारी दी। लोगों के दिमाग में बैठे टीका के भ्रम को दूर किया। इसके बाद ग्रामीण समझे और टीका लगवाने के लिए तैयार हुए। पंचायत क्षेत्र के छुरिधारी, लब्दाघाटी, छोटा सुरजबेडा, अमरबिठा के 34 लोगों ने टीका का पहला डोज लिया जबकि छह लोगों ने दूसरा डोज लिया।