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बिना फिटनेस जांच के फर्राटे भर रहे वाहन

जागरण संवाददाता पाकुड़ सड़क दुर्घटना की एक बड़ी वजह जर्जर वाहन भी है। नियमों के मुत

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 06:03 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:03 PM (IST)
बिना फिटनेस जांच के फर्राटे भर रहे वाहन

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : सड़क दुर्घटना की एक बड़ी वजह जर्जर वाहन भी है। नियमों के मुताबिक सभी प्रकार के वाहनों की फिटनेस जांच आवश्यक है, परंतु पाकुड़ जिले में नियम-कानून कागज पर चल रहे हैं। फिटनेस जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। फिटनेस जांच का मुख्य मकसद पुराने व पर्यावरण फैलाने वाले वाहनों को दरकिनार करना है। फिटनेस ठीक नहीं रहने के कारण रास्ते में ही वाहन अचानक रूक जाती है, इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। परिवहन विभाग ने दावा किया है कि दो पहिया, चार पहिया सहित ट्रैक्टर, ट्रॉली, बस आदि की फिटनेस जांच होती है, लेकिन धरातल पर यह दावा फेल है। जिले में चलने वाली अधिकतर वाहन जर्जर हो चुकी है। निजी वाहनों को छोड़ दें तो सबसे खराब हाल सरकारी वाहनों की है। सड़कों पर जर्जरावस्था वाली बाइक, स्कूटर, रिक्शा व जुगाड़ गाड़ी फर्राटे भर रही है। इन वाहनों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है।

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अधिकतर वाहनों से लाइट गायब

शहर में चलने वाली अधिकतर बड़े वाहनों के लाइट गायब है। वाहनों में फॉग लाइट, हेड लाइट, बैक लाइट, पार्किंग लाइट का आभाव है। कई वाहन ऐसे हैं जिसका एक ही हेडलाइट जलता है। अधिकतर ट्रैक्टरों का तो एक हेडलाइट हमेशा खराब ही रहता है। ऐसे ट्रैक्टर भी रात्रि में तेज रफ्तार से चलती है। कोहरा से बचने के वाहनों में लगे फॉग लाइट का इस्तेमाल ही नहीं होता है। अधिकतर वाहन चालकों को फॉग लाइट के बारे में जानकारी तक नहीं है। पार्किंग लाइट का भी यही हाल है। अधिकतर वाहनों में पार्किंग लाइट नहीं है। जिस कारण सड़क किनारे खड़ी वाहन दुर्घटना के शिकार हो जाती है। कई चालक अपनी बाइक व ई-रिक्शा में अधिक रोशनी के लिए एलइडी लाइट लगा लिए हैं, जो यातायात नियमों का उल्लंघन है।

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जुगाड़ चालकों के पास लाइसेंस नहीं

शहर के अलावा ग्रामीण इलाके में भुटभुटिया के नाम से प्रचलित जुगाड़ गाड़ी फर्राटे भरते हैं। इसका न तो लाइट सही होता है और न ही फिटनेस। भुटभुटिया चालक के पास ड्राइविग लाइसेंस भी नहीं है। यही हाल ट्रैक्टर, ट्रॉली के चालकों का है। ट्रैक्टर मालिक कभी भी फिटनेस जांच नहीं करवाते हैं। अधिकतर ट्रैक्टर चालकों के पास भी लाइसेंस नहीं है।

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मोटर यान निरीक्षक फिटनेस की जांच करते हैं। बिना ड्राइविग लाइसेंस के वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा।

संतोष गर्ग, जिला परिवहन पदाधिकारी

पाकुड़


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