तीसरी आंख को चाहिए उपचार
पाकुड़ बांग्लादेश के करीब व पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे होने के कारण सुरक्षा की दृष्टिक
पाकुड़: बांग्लादेश के करीब व पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे होने के कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से पाकुड़ शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर वर्ष 2016 में निगरानी के लिए तीसरी आंख यानी 22 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसमें करीब 11 लाख रुपये खर्च किए गए थे। बावजूद देखरेख के अभाव में अब अधिकतर कैमरा बेकार हो गए हैं। यह शहर की निगहबानी नहीं कर पा रहा है। इस तीसरी आंख को उपचार की दरकार है।
इन जगहों पर लगाए गए सीसीटीवी :
नगर थाना क्षेत्र के इंदिरा चौक, अंबेडकर चौक, गांधी चौक, रेलवे फाटक, हरिण चौक, रेलवे स्टेशन के बाहर, पावर हॉउस, जिदातो मिशन गेट सहित कुल 22 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे। सीसीटीवी कैमरा लगने के कुछ महीनों तक सही चला। बाद में प्रशासन ने कैमरे की मरम्मत को लेकर ध्यान नहीं दिया। इस कारण सीसीटीवी कैमरा बेकार हो गया है। प्रशासन की ओर से सीसीटीवी कैमरे को दुरूस्त करा दिया जाए तो शहर में संदिग्ध लोगों पर पुलिस बेहतर तरीके से नजर रख सकेगी।
नगर थाना से होती थी कैमरे की मॉनीटरिग :
शहर में लगे कैमरे की मॉनीटरिग नगर थाना से होती थी। इसके लिए एक पुलिस जवान की नगर थाना में 24 घंटे तैनात की गई थी। जवान शहर में लगे सभी कैमरे को नगर थाने में लगे एईटीडी टीवी के माध्यम से नजर रखता था। वरीय अधिकारी भी नियमित कैमरे की निगरानी करते थे।
कैमरे की मरम्मत की हुई थी मांग
अपराध व मोटरसाइकिल चोरी पर अंकुश लगाने के लिए 26 जून को नगर थाने में पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें शहर के राजनीतिक दल के नेता व गणमान्य लोगों ने सीसीटीवी खराब रहने के मामले को रखा था। बावजूद सीसीटीवी कैमरे की मरम्मत की दिशा में पहल नहीं की गई।
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वर्जन
शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे मेटेनेंस के अभाव में खराब पड़े हैं। कैमरे की मरम्मत को लेकर डीसी से बात की जाएगी। जल्द ही सीसीटीवी कैमरे को दुरुस्त कर दिया जाएगा।
राजीव रंजन सिंह, एसपी, पाकुड़