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मिसाल है प्रभु कृष्ण और सुदामा की मित्रता

पाकुड़िया(पाकुड़) : पाकुड़िया प्रखंड के मोंगलाबांध गांव में विगत 12 जून से आयोजित श्रीमदभागवत सप्ताह ज

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:02 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 07:02 PM (IST)
मिसाल है प्रभु कृष्ण और सुदामा की मित्रता
मिसाल है प्रभु कृष्ण और सुदामा की मित्रता

पाकुड़िया(पाकुड़) : पाकुड़िया प्रखंड के मोंगलाबांध गांव में विगत 12 जून से आयोजित श्रीमदभागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव का समापन सोमवार की रात संगीतमय प्रवचन के साथ हुआ। ज्ञान महोत्सव के अंतिम दिन कथावाचक स्वपन कृष्ण महंत ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कृष्ण-सुदामा की मित्रता मिसाल है। सुदामा गरीब थे और भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र थे। एक समय की बात है जब दरिद्रता के कारण उन्हें अपने बच्चों का पेट पालना भी मुश्किल हो गया था । तब पत्नी के कहने पर वे मित्र कृष्ण के पास गए। द्वारका नगरी में पूछते-पूछते कृष्ण के महल तक पहुंचे। महल में मौजूद कृष्ण तो सुदामा का नाम सुनते ही दौड़े दौड़े द्वार पर पहुंचे। सुदामा को महल में अंदर ले गए। गुरुकुल के दिनों की यादें ताजा कीं। साथ ही उनका जीवन संवार दिया। उन दोनों की मित्रता सदियों से मिसाल बनी है।

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