सरकार की नीतियों के विरुद्ध सीटू का प्रदर्शन
जागरण टीम पाकुड़ श्रमिक संगठनों के देशव्यापी बंद का पाकुड़ में मिला जुला असर रहा। निज
जागरण टीम, पाकुड़: श्रमिक संगठनों के देशव्यापी बंद का पाकुड़ में मिला जुला असर रहा। निजी बैंक तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर अन्य बैंकों के कर्मी देशव्यापी बंद के समर्थन में दिनभर हड़ताल पर रहे। इस कारण ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल के कारण करीब दो करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की। कर्मियों ने कहा कि सरकार बैंक कर्मियों के उपर काम का दबाव बढ़ा रही है, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है। बैंक कर्मियों के प्रति सरकार की नीति अच्छी नहीं है। एलआइसी कर्मियों ने भी आंदोलन का समर्थन किया। कर्मियों ने कहा कि सरकार बीमा कर्मियों के साथ अनदेखी कर रही है। दूसरी ओर हड़ताल के बाद भी कुछ बैंकों में आधा शटर गिराकर काम निपटाने का दौर चलता रहा। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में जुलूस निकाल प्रदर्शन किया।
जुलूस निकाल किया प्रदर्शन
देश के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध गुरुवार को हड़ताल की। अपनी मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय केंद्रीय ट्रेड यूनियन (सीटू) के पाकुड़ जिला इकाई ने सदस्यों ने जिला मुख्यालय में पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। नेतृत्व सीटू के जिला सचिव माणिक दुबे ने किया। कहा कि उनका संगठन भी भारत सरकार से श्रम कानून परिवर्तन को वापस लेने, कृषि संशोधन बिल 2020 वापस लेने, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन तक रोजगार देने, बैंक, बीमा और बीएसएनएल का निजीकरण करना बंद करने तथा सरकारी परिसंपत्तियों जैसे रेलवे स्टेशन, बंदरगाह आदि को बेचना बंद करने की मांग करता है। प्रदर्शन में नादेर हुसैन, शिवानी पाल, मुकुल भट्टाचार्या, मोहम्मद अली, अब्दुल हक व अन्य उपस्थित थे।