रिपोर्ट में देरी से बढ़ा कोरोना के प्रसार का खतरा
रोहित कुमार पाकुड़ जिला प्रशासन विशेष अभियान चलाकर कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ा दिया ह
रोहित कुमार, पाकुड़ : जिला प्रशासन विशेष अभियान चलाकर कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ा दिया है, लेकिन रिपोर्ट आने की गति धीमी है। इससे कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना गया है। अबतक आठ हजार से अधिक रिपोर्ट लंबित है। ऐसे में सैंपल देने वाला व्यक्ति संक्रमित होता है तो रिपोर्ट आने तक वह यह संक्रमण कई लोगों तक पहुंचा चुका होगा। यह कोरोना प्रसार रोकने में बड़ा बाधक साबित होगा।
वर्तमान समय में जिले में 8110 कोरोना की जांच रिपोर्ट लंबित है। बुधवार को भी कोरोना जांच का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसमें औसतन पांच से छह हजार लोगों की जांच की जाएगी। इस अभियान के बाद जिले में लंबित जांच रिपोर्ट की संख्या 10 हजार की संख्या को पार कर जाएगी। यह स्थिति जिले में करीब 15 दिन से अधिक समय से बनी हुई है। 15 नवंबर को जिले में नौ हजार से अधिक लोगों की जांच रिपोर्ट लंबित थी। इधर कोविड जांच अभियान की गति से रिपोर्ट नहीं आने के कारण संक्रमण पर नियंत्रण कठिन साबित हो रहा है।
रिपोर्ट आने में हो रहा विलंब
जिले में कोविड का विशेष अभियान चलाकर अधिकतर सैंपल को आरटीपीसीआर जांच के लिए दुमका भेजा जाता है। दुमका में जांच की क्षमता कम होने के कारण जिले में जांच रिपोर्ट समय से नहीं मिल रही है। पहले यह सैंपल जांच के लिए रांची और धनबाद भेजा जाता था। दुमका में जांच शुरू होने के बाद इसे दुमका भेजा जाने लगा है। जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण एक ओर जहां लोग सैंपल देने से कतरा रहे हैं वहीं संक्रमण की समय पर पहचान नहीं हो पा रही है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके झा का कहना है कि संताल के जिलों में जांच की रफ्तार बढ़ी है। जिलों के विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके कारण दुमका में जांच का लोड़ अधिक हो गया है। इसी के कारण रिपोर्ट आने में विलंब हो रही है।
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लंबित जांच रिपोर्ट समाप्त कराने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। पहले भी जांच के लिए सैंपल राज्य के बाहर भेजा गया है। शीघ्र ही लंबित जांच रिपोर्ट जिले को मिल जाएगी।
डॉ रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़