आस्था की डोर से खींचा गया भगवान जगन्नाथ का रथ
संवाद सहयोगी, महेशपुर/पाकुड़ : शनिवार को रथ महोत्सव में पूरी श्रद्धा के साथ भक्तों ने हिस्सा लिया।
संवाद सहयोगी, महेशपुर/पाकुड़ :
शनिवार को रथ महोत्सव में पूरी श्रद्धा के साथ भक्तों ने प्रभु जगन्नाथ का रथ खींचा। भगवान जगन्नाथ देवी राधिका के साथ आठ दिवसीय प्रवास पर अपनी मौसी के घर गए। मंत्रोच्चारण के साथ भगवान मदनमोहन की पूजा अर्चना की गई। पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के पीतल से बने विशाल रथ को खींचा।
रथ कई इलाकों का भ्रमण कर मौसी के घर पहुंचा। संध्या सात बजे मौसी के घर आरती हुई। भगवान मदनमोहन के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। रथ के आसपास व हर ओर भक्तों का सैलाब नजर आ रहा था। इस मेले का आदिवासी व पहाड़िया समाज में विशेष महत्व है।
वे ढोल-नगाडे़ और मांदर की थाप पर नृत्य करते हुए रथ यात्रा में शामिल होते हैं। मेला राजा पितृचंद्र शाही के
समय से बंगला सन 1122 से आयोजित किया जा रहा है। महेशपुर में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भव्य तरीके से निकाली गई।
मेला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पाकुड़ : रथयात्रा व मेला को लेकर शनिवार को शहर में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम पुलिस के द्वारा किया गया
था। शहर एवं आसपास क्षेत्रों के चौक
चौराहों पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्त की गई थी। मेला परिसर में भी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। रथ यात्रा को लेकर शहर के वाहनों का रूट बदल दिया गया था। जिससे भक्तों को भगवान के दर्शन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं
हो। एसडीपीओ व पुलिस निरीक्षक, थाना प्रभारी सहित पुलिस के वरीय पदाधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डटे रहे।